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महीनों बाद भी मरीज के दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है कोविड इनफेक्शन

कोविड का असर सिर्फ सांस लेने में दिक्कत तक सीमित नहीं है। कोविड की वजह से लंबी अवधि में होने वाली शारीरिक परेशानियों में दिल की धड़कन संबंधी समस्या, नींद न आना, दिमागी सुस्ती आदि शामिल हैं। बेशक कोविड-19 मुख्य तौर पर सांस लेने के सिस्टम पर हमला करता है, लेकिन यह वायरस शरीर के अन्य हिस्सों को भी कमजोर कर देता है, मसलन दिमाग

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 05, 2024 पर 8:11 PM
महीनों बाद भी मरीज के दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है कोविड इनफेक्शन
शोध के मुताबिक, जिन मरीजों में कोविड-19 संक्रमण के ज्यादा लक्षण थे, उनके दिमाग को ज्यादा नुकसान पहुंचा था।

कोविड (COVID) का असर सिर्फ सांस लेने में दिक्कत तक सीमित नहीं है। कोविड की वजह से लंबी अवधि में होने वाली शारीरिक परेशानियों में दिल की धड़कन संबंधी समस्या, नींद न आना, दिमागी सुस्ती आदि शामिल हैं। बेशक कोविड-19 मुख्य तौर पर सांस लेने के सिस्टम पर हमला करता है, लेकिन यह वायरस शरीर के अन्य हिस्सों को भी कमजोर कर देता है, मसलन दिमाग। ब्रिटेन की एक स्टडी के मुताबिक, कोविड संक्रमण के महीनों बाद भी इसका असर दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है।

क्या कहती कोविड की स्टडी

एक जर्नल में छपी स्टडी के मुताबिक, कोविड का शिकार हुए कई मरीजों में खून संबंधी समस्या बनी हुई है, जो दिमाग को नुकसान पहुंचा सकती है। शोधकर्ताओं ने इस सिलसिले में कोविड की वजह से इंग्लैंड और वेल्स के अस्पतालों में भर्ती हुए 800 मरीजों की जांच की, जिनमें आधे मरीजों को न्यूरो संबंधी बीमारियां थीं। शोधकर्ताओं ने इन मरीजों में ब्रेन डैमेज प्रोटीन, एंटीबॉडी और सीरम इनफ्लैमेटरी प्रोटीन की जांच की।

कोविड की वजह से दिमाग को पहुंच सकता है नुकसान

शोध के मुताबिक, जिन मरीजों में कोविड-19 संक्रमण के ज्यादा लक्षण थे, उनके दिमाग को ज्यादा नुकसान पहुंचा था और अन्य समस्याएं भी ज्यादा थीं। जांच के दौरान कई मरीजों में कम सूजन का पता चला था। हालांकि, शोधकर्ताओं ने पाया कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के महीनों बाद उनके दिमाग को काफी नुकसान पहुंच चुका था।

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