Bubonic Plague: अमेरिका में एक और बीमारी का कहर शुरू हो गया है। अलास्कापॉक्स का मामला सामने आने के बाद अब यहां ब्यूबोनिक प्लेग (Bubonic Plague) का पहला मामला सामने आया है। यह बीमारी संयुक्त राज्य अमेरिका के ओरेगॉन राज्य में ब्लैक डेथ (Black Death) के नाम से मशहूर है। राज्य में साल 2005 के बाद पहली बार एक स्थानीय निवासी में ब्यूबोनिक प्लेग का मामला दर्ज किया है। आशंका जताई जा रही है कि यह बीमारी किसी बीमार पालतू बिल्ली से फैली है। इस बीमारी के बारे में फौरन पता चला गया। पीड़ित शख्स को एंटीबायोटिक दवाएं दी गईं। इस बीमारी में बिल्ली और शख्स का इलाज शुरू किया गया। लेकिन बिल्ली को नहीं बचाया जा सका।
ब्यूबोनिक प्लेग से पीड़ित मरीज मिलने के बाद अमेरिकी के अधिकारियों का कहना है कि वह इस बीमारी से निपटने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल मरीज का अस्पताल में इलाज चल रहा है। साल 1346 और 1353 के बीच, यूरोप में ब्यूबोनिक प्लेग से 5 करोड़ लोगों की मौत हो गई थी। इसे ब्लैक डेथ के नाम से जाना जाता है।
जानिए क्या है ब्यूबोनिक प्लेग
ब्यूबोनिक प्लेग एक ऐसी बीमारी है जो बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है। यह एक खास तरह के जीवाणु, येर्सिनिया पेस्टिस से संक्रमित होने कारण होता है। मानव शरीर में आमतौर पर यह कुतरने की प्रकृति रखने वाले जानवरों के कारण फैलती है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centre for Disease Control and Prevention - CDC) के अनुसार, मैमल्स के शरीर में प्लेग मौजूद रहता है। जब यह जानवर मानव के संपर्क में आते हैं तो बड़ी आसानी से इनका संक्रमण उन तक भी पहुंच जाता है। यह इंफेक्शन पिस्सू यानि टिक्स के कारण इंसानों में फैलता है। चूहों के अलावा यह इंफेक्शन गिलहरी और पालतू जानवर के फर्रों में होने वाली बैक्टीरिया से इंसानों में भी फैलता है।
ब्यूबोनिक बीमारी के लक्षण
CDC के अनुसार ब्यूबोनिक बीमारी में सिरदर्द, ठंड लगना, अचानक तेज बुखार, पेट दर्द, हाथ और पैर में दर्द महसूस हो सकता है। मांसपेशियों में दर्द बना रहता है। CDC के अनुसार यह पिस्सू के काटने या संक्रमित जानवरों के छूने से फैल सकता है। यह किसी संक्रमित पिस्सू के काटने के कारण होता है। यह प्लेग की सबसे पहली स्थिति है।
ब्यूबोनिक प्लेग से कैसे करें बचाव
अपने घर में या उसके आसपास चूहे या गिलहरिया और अन्य जंगली जानवरों को रहने से रोकें। अपने पालतू जानवरों के लिए टिक्स कंट्रोल प्रोडक्ट्स का उपयोग करें। बीमार पालतू जानवरों को फौरन पशुचिकित्सक के पास ले जाना चाहिए। खुले घूमने वाले पालतू जानवरों को अपने बिस्तर पर न सोने दें।