ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कंपनी Zomato को पेमेंट एग्रीगेटर (payment Aggregator) के रूप में काम करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मंजूरी मिल गई है। इसके तहत, RBI ने सब्सिडियरी कंपनी जोमैटो पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (Zomato Payments Private Limited) को लाइसेंस जारी किया है। इस मंजूरी से कंपनी को अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से ईकॉमर्स ट्रांजेक्शन की सुविधा मिल सकेगी।
फूडटेक फर्म ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि, "हम सूचित करना चाहते हैं कि जोमैटो पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड यानी ZPPL को भारत में पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए RBI से 24 जनवरी 2024 को ऑथराइजेशन का सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है।"
इस मंजूरी के साथ ही जोमैटो Tata Pay, Razorpay, Cashfree जैसी पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गया है। पेमेंट एग्रीगेटर ई-कॉमर्स वेबसाइटों, मोबाइल ऐप और मर्चेंट्स को अपने ट्रांजेक्शन के लिए ग्राहकों से पेमेंट इंस्ट्रूमेंट एक्सेप्ट करने की सुविधा प्रदान करते हैं। इसमें मर्चेंट्स को अपना पेमेंट इंटरफेस बनाने की जरूरत नहीं होती। रेगुलेटर ने कहा कि पेमेंट गेटवे को डिजिटल पेमेंट एक्सेप्टेंस सॉल्यूशन ऑफर करने के लिए एग्रीगेटर लाइसेंस हासिल करने की जरूरत होगी।
Zomato ने ICICI Bank के साथ किया था समझौता
पिछले साल, फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ने अपनी खुद की यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ऑफरिंग - Zomato Pay लॉन्च करने के लिए ICICI Bank के साथ समझौता किया था। इसका तर्क यह था कि लेन-देन की सुविधा के लिए Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे अन्य पेमेंट ऐप्स पर निर्भरता कम की जाए। इससे Zomato को थर्ड-पार्टी ऐप्स के माध्यम से किए गए भुगतान के साथ आने वाले मर्चेंट चार्जेज को बचाने की अनुमति मिली।
Zomato और Blinkit पर ऑनलाइन फूड और किराने के ऑर्डर के लिए भुगतान करने के अलावा फूडटेक ग्राहकों को Zomato Pay के माध्यम से कार्ड, नेट बैंकिंग और यूपीआई जैसे कई विकल्पों का उपयोग करके Zomato पर लिस्टेड कुछ रेस्टोरेंट्स में पेमेंट करने का विकल्प भी प्रदान करता है। इससे पहले, Zomato ने को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड की पेशकश के लिए RBL bank के साथ भी समझौता किया था। हालांकि, साझेदारी पिछले साल मई में समाप्त कर दी गई थी।