टाटा ग्रुप (Tata Group) अपने बैटरी बिजनेस को अलग करने पर विचार कर रहा है। इसके तहत बैटरी बिजनेस को एक अलग कंपनी के रूप में स्थापित करने की योजना है। टाटा ग्रुप एग्रेटास एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस (Agratas Energy Storage Solutions) को एक इंडिपेंडेंट यूनिट में बदल सकता है। मामले से जुड़े सूत्रों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी है। बता दें कि कंपनी रिन्यूएबल एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रही है। सूत्रों ने कहा कि इस कदम से बैटरी बिजनेस को फंड जुटाने और बाद में मार्केट में लिस्ट होने में मदद मिलेगी।
क्या है Tata Group का प्लान
सूत्र के मुताबिक मार्केट सेंटीमेंट्स के आधार पर और ग्रोथ को देखते हुए बैटरी बिजनेस की लिस्टिंग पर वैल्यू 5 से 10 अरब डॉलर के बीच हो सकती है। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक Agratas भारत और यूके में फैक्ट्री में ऑटोमोबाइल और एनर्जी सेक्टर के लिए बैटरी डिजाइन करती और बनाती हैं। टाटा मोटर्स लिमिटेड और इसकी यूनिट जगुआर लैंड रोवर ऑटोमोटिव पीएलसी इसके प्रमुख ग्राहक हैं।
स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) और EV में अपनी मजबूत स्थिति के कारण टाटा मोटर्स ने पिछले महीने भारत की सबसे वैल्यूएबल कार कंपनी के रूप में अपना स्थान फिर से हासिल कर लिया। कंपनी के हालिया तिमाही नतीजे अनुमान से बेहतर रहे। जेएलआर को पिछले सात साल में सबसे अधिक मुनाफा हुआ है।
EV बिजनेस को भी किया जा सकता है अलग
ब्लूमबर्ग न्यूज ने जनवरी में रिपोर्ट दी थी कि Agratas अपने कारखानों को विकसित करने के लिए ग्रीन लोन के माध्यम से 500 मिलियन डॉलर जुटाने की तैयारी में है और इसके लिए बैंकों के एक ग्रुप के साथ बातचीत कर रहा है। सूत्रों ने आगे बताया कि टाटा मोटर्स अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल बिजनेस को भी अलग करने पर विचार कर सकती है। इसके कुछ मौजूदा निवेशक कंपनी से निकल सकते हैं। इसके अलावा, आगे जाकर EV बिजनेस को भी अलग किया जा सकता है। हालांकि, सूत्रों ने यह भी कहा कि यह चर्चा अभी अपने शुरुआती स्टेज में है और इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है।