इंफो एज (Info Edge) के फाउंडर संजीव भिखचंदानी का कहना है कि बाजार तब तक नुकसान में चलने वाली स्टार्टअप्स को लेकर सावधनी बरतेगा, जब तक उनमें मुनाफे को लेकर कोई साफ तस्वीर सामने नहीं आ जाए। पिछले तीन साल में कई स्टार्टअप्स के IPO को काफी ठंडी प्रतिक्रिया मिली है, लिहाजा एनालिस्ट्स ने वैल्यूएशंस और परफॉर्मेंस को लेकर सवाल उठाए हैं। बहरहाल, हाल में इसमें कुछ सुधार देखने को मिला है।
भिखचंदानी ने एनालिस्ट्स कॉल में कहा, '2022 के बाद हुए मार्केट करेक्शन के बाद नुकसान में चलने वाली कंपनी तकनीकी तौर पर पब्लिक इश्यू ला सकती है। हालांकि, मुझे ऐसी कंपनियों के इश्यू के रेस्पॉन्स को लेकर आशंकाएं हैं, अगर उनके पास अगले कुछ साल में प्रॉफिट को लेकर स्पष्टता नहीं है।' उनका कहना था, 'मैं इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं हूं कि निवेशक इन कंपनियों को उतनी वैल्यूएशन देंगे, जितनी उन्हें उम्मीद है।'
उनके मुताबिक, 2023 में नए दौर की टेक कंपनियों को लेकर निवेशकों के सेंटीमेंट में बदलाव देखने को मिला और जोमैटो (Zomato), पेटीएम (Paytm) और पीबी फिनटेक (PB Fintech) जैसी कंपनियां मुनाफा हासिल करने में सफल रहीं। भिखचंदानी ने कहा, 'जोमैटो और पीबी फिनेटेक के शेयरों की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ-साथ कंइंपनी की इनकम में भी बढ़ोतरी हुई।' इंफो एज ने दोनों कंपनियों में निवेश किया है।
पिछले साल जोमैटो का स्टॉक 200 पर्सेंट से भी ज्यादा बढ़ गया, जबकि पीबी फिनटेक का शेयर जनवरी में अपने IPO प्राइस से आगे निकल गया। दो साल की लिस्टिंग के बाद कंपनी ने इस बार मुनाफा हासिल किया है।