Licious Layoffs: सीफूड और मीट डिलीवर करने वाले ई-कॉमर्स स्टार्टअप लीशियस (Licious) ने कॉस्ट कटिंग के चलते लगभग 80 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। यह स्टार्टअप की कुल वर्कफोर्स का लगभग 3 प्रतिशत है। लीशियस ने अपने यहां छंटनी की पुष्टि की है। रिस्ट्रक्चरिंग से पहले Licious में लगभग 650 लोगों का कॉरपोरेट स्टाफ था और प्रोडक्शन व सप्लाई चेन फंक्शंस में 2400 लोग थे। इसका मतलब है कि स्टार्टअप के पेरोल पर लगभग 3000 कर्मचारी थे।
मनीकंट्रोल की क्वेरी के जवाब में स्टार्टअप के एक प्रवक्ता ने कहा कि नए विकास कारकों पर विचार करते हुए हम अपने कॉस्ट आउटले को दोबारा प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसा करने में दुर्भाग्यवश हमें उन कुछ कर्मचारियों से अलग होना पड़ा, जो हमारी यात्रा का हिस्सा रहे हैं।
FY23 में लीशियस का रेवेन्यू
लीशियस ने वित्त वर्ष 2023 में ऑपरेशनल रेवेन्यू में थोड़ी ही सही लेकिन ग्रोथ दर्ज की है। स्टार्टअप का वित्त वर्ष 2023 में रेवेन्यू 700 करोड़ रुपये रहा। मौजूदा वित्त वर्ष में सितंबर 2023 तक स्टार्टअप का मंथली रेवेन्यू 62-68 करोड़ रुपये के बीच बना हुआ था। वित्त वर्ष 2024 में इसका रेवेन्यू 900 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
Licious साल 2015 में शुरू
लीशियस को Delightful Gourmet Private Limited ऑपरेट करती है, जिसका हेडक्वार्टर बेंगलुरु में है। लीशियस को साल 2015 में अभय हंजूरा और विवेक गुप्ता ने शुरू किया था। स्टार्टअप रेडी टू कुक और रेडी टू ईट प्रोडक्ट्स भी मुहैया कराता है। स्टार्टअप में सिंगापुर की ग्लोबल इनवेस्टमेंट कंपनी टेमासेक का पैसा लगा हुआ है। 2021 में लीशियस भारत का साल का 29वां यूनिकॉर्न और भारत का पहला डायरेक्ट टू कंज्यूमर (D2C) यूनिकॉर्न बना। अक्टूबर 2022 में स्टार्टअप ने D2C प्लांट बेस्ड मीट ब्रांड UnCrave लॉन्च किया।