फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्नी बंसल (Binny Bansal) पेमेंट्स कंपनी फोनपे (PhonePe) के बोर्ड में बने रहेंगे। बंसल ने पिछले हफ्ते फ्लिपकार्ट (Flipkart) के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले वह तकरीबन 17 साल तक फ्लिपकार्ट के बोर्ड में रहे थे। फ्लिपकार्ट को फोनपे का इनक्यूबेटर भी माना जाता है। मामले से वाकिफ एक शख्स ने मनीकंट्रोल (Moneycontrol) को बताया, ' वह फोनपे के शुरुआती मददगारों में रहे हैं।' बंसल ने ई-कॉमर्स सेगमेंट में ओप्पडोर (OppDoor) नाम से नई स्टार्टअप की शुरुआत भी की है।
फ्लिपकार्ट के बोर्ड से इस्तीफा देने से कुछ महीन पहले बिन्नी ने इस कंपनी में मौजूद अपनी बाकी हिस्सेदारी बेच दी थी। फ्लिपकार्ट के एक और को-फाउंडर सचिन बंसल कुछ साल पहले ही कंपनी से बाहर निकल गए थे और अब वह अपना नया फिनटेक वेंचर नवी (Navi) बना रहे हैं। बंसल ने इस सिलसिले में भेजे गए मैसेज का जवाब नहीं दिया और फोनपे भी कुछ टिप्पणी करने से मना कर दिया।
फोनपे भारत का एक प्रमुख पेमेंट ऐप है और यूपीआई नेटवर्क (UPI network) में इसका सीधा मुकाबला जीपे (GPay), पेटीएम (Paytm), एमेजॉन पे (Amazon Pay) से है। दिलचस्प बात यह है कि फ्लिपकार्ट भी अपना यूपीआई पेमेंट (UPI payments) नेटवर्क लॉन्च करने की तैयारी में है और फिनटेक के क्षेत्र में भी वह काम करना चाहती है।
फ्लिपकार्ट और फोनपे में कंट्रोलिंग स्टेक अमेरिकी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट (Walmart) की है। फोनपे शुरुआत में फ्लिपकार्ट की सब्सडियरी कंपनी थी और बाद में यानी 2020 में यह अलग कंपनी बन गई। अलग होने को लेकर बातचीत शुरू होने के बाद ही बंसल ने फोनपे के बोर्ड में शामिल होने का फैसला किया था। फोनपे ने अप्रैल 2023 में नया कंज्यूमर आधारित ऐप्लिकेशन पिनकोड (Pincode) लॉन्च किया था।