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Byju’s EGM: निवेशकों ने किया तख्तापलट, बायजू रवींद्रन की अगुवाई वाले मैनेजमेंट को किया बाहर

इस बीच Byju’s के 4 निवेशकों ने NCLT की बेंगलुरु बेंच के समक्ष कंपनी के मैनेजमेंट के खिलाफ दमन और कुप्रबंधन का मुकदमा दायर किया है। इसमें Byju's के सीईओ बायजू रवींद्रन सहित फाउंडर्स को कंपनी चलाने में अयोग्य घोषित करने और नया बोर्ड नियुक्त करने की मांग की गई है। इसके अलावा राइट्स इश्यू को अमान्य घोषित करने की भी मांग की गई है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Feb 24, 2024 पर 8:08 AM
Byju’s EGM: निवेशकों ने किया तख्तापलट, बायजू रवींद्रन की अगुवाई वाले मैनेजमेंट को किया बाहर
Byju's की असाधारण आम बैठक लगभग चार घंटे तक चली।

एडटेक स्टार्टअप Byju’s के शेयरधारकों की 23 फरवरी को हुई असाधारण आम बैठक (EGM) का नतीजा सामने आ गया है। स्टार्टअप की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Think & Learn) के निवेशकों ने फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) की लीडरशिप वाले मैनेजमेंट को कंपनी के बोर्ड से बाहर कर दिया है। प्रोसस, जनरल अटलांटिक और पीक एक्सवी जैसे कई ब्लू चिप निवेशकों ने ईजीएम में CEO बायजू रवींद्रन को हटाने के लिए मतदान किया।

इनवेस्टर सोर्सेज ने मनीकंट्रोल को बताया कि लगभग 60 प्रतिशत शेयरहोल्डिंग वाले निवेशकों ने कंपनी में लीडरशिप और गवर्नेंस में बदलाव के प्रस्तावों को पारित करने के पक्ष में मतदान किया। वहीं कंपनी सोर्सेज का कहना है कि ऐसा करने वाले इनवेस्टर्स की कंपनी में हिस्सेदारी लगभग 47 प्रतिशत है।

ईजीएम में बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजू रवींद्रन ने हिस्सा नहीं लिया। ये तीनों कंपनी के बोर्ड में हैं। रवींद्रन, उनकी पत्नी और भाई के पास कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उन्हें बाहर करने की मांग करने वाले निवेशकों की जून 2022 तक कंपनी में 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी थी। ईजीएम में निवेशकों ने संकटग्रस्त एडटेक स्टार्टअप की लीडरशिप में बदलाव करने, बोर्ड को रिकॉन्स्टीट्यूट करने और प्रशासन से जुड़े कथित उल्लंघनों की फोरेंसिक जांच शुरू करने के लिए प्रस्ताव पारित किए।

Byju's EGM में सभी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित 

प्रोसस के एक प्रवक्ता ने कहा कि आज 23 फरवरी की ईजीएम में, शेयरधारकों ने वोट के लिए रखे गए सभी प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इनमें Byju's में मौजूदा प्रशासन, वित्तीय कुप्रबंधन और अनुपालन मुद्दों के समाधान के लिए अनुरोध; बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का पुनर्गठन और कंपनी की लीडरशिप में बदलाव जैसे प्रस्ताव शामिल थे।

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