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Paytm Crisis: पेमेंट्स बैंक के मर्चेंट कस्टमर्स की फिर से KYC पर बैंकों को खर्च करने पड़ सकते हैं 66 करोड़ रुपये

Paytm Crisis: बैंकर्स और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि बैंक के मर्चेंट कस्टमर्स की फिर से केवाईसी करनी होगी। नो-योर-कस्टमर (KYC) एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कोई वित्तीय संस्थान या इंटरमीडियरी इकाई किसी क्लाइंट की पहचान सुनिश्चित करने के लिए डेटा और डॉक्युमेंट इकट्टा करती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 13, 2024 पर 5:58 PM
Paytm Crisis: पेमेंट्स बैंक के मर्चेंट कस्टमर्स की फिर से KYC पर बैंकों को खर्च करने पड़ सकते हैं 66 करोड़ रुपये
केवाईसी की प्रक्रिया इसलिए दोबारा करनी पड़ सकती है, क्योंकि पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा पहले की गई केवाईसी में गड़बड़ियों की रिपोर्ट है।

Paytm Crisis: पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) का कारोबार खरीदने को इच्छुक इकाइयों को केवाईसी (KYC) की प्रक्रिया दोहराने पर 60-66 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। बैंकर्स और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि बैंक के मर्चेंट कस्टमर्स की फिर से केवाईसी करनी होगी। नो-योर-कस्टमर (KYC) एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कोई वित्तीय संस्थान या इंटरमीडियरी इकाई किसी क्लाइंट की पहचान सुनिश्चित करने के लिए डेटा और डॉक्युमेंट इकट्टा करती है ।

पेटीएम की वेबसाइट में बताया गया है कि 31 जनवरी 2023 के मुताबिक पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास तकरीबन 60 लाख मर्चेंट कस्टमर्स थे। बैंकर्स और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि बैंक केवाईसी प्रोसेस को फिर से अंजाम देगा और हर ग्राहक के हिसाब से इसका खर्च 90-110 रुपये बैठेगा।

एक पब्लिक सेक्टर बैंक के सीनियर बैंकर ने बताया, 'केवाईसी दो तरह के होते हैं- ग्राहकों के लिए और मर्चेंट्स के लिए। मर्चेंट्स के लिए खर्च 100 रुपये प्रति व्यक्ति बैठता है।' एक और बैंकर ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि ऐसी परिस्थितियों में बैंक आम तौर पर अतिरिक्त कंप्लायंस के लिए फिर से केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करते हैं। उन्होंने कहा, 'मर्चेंट कस्टमर की दोबारा केवाईसी के लिए आम तौर पर 90-110 रुपये प्रति कस्टमर खर्च बैठता है और बैंक ऐसी परिस्थितियों में आम तौर पर केवाईसी फिर से करते हैं, ताकि कंप्लायंस सुनिश्चित किया जा सके।'

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