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Spicejet ने लीज पर विमान देने वाली कंपनी के साथ 250 करोड़ का विवाद सुलझाया

एयरलाइन कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेजों को यह जानकारी दी गई है। एयरलाइन ने दो दिन पहले NCLT को बताया था कि लीज पर विमान देने वाली कंपनी सेलेस्टियल एविएशन के साथ उसका विवाद व्यावाहरिक तौर पर निपट गया है और अब सिर्फ औपचारिकताएं बाकी रह गई हैं। दिसंबर तिमाही में स्पाइसजेट का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 160 पर्सेंट के उछाल के साथ 110 करोड़ रुपये रहा था

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 28, 2024 पर 3:28 PM
Spicejet ने लीज पर विमान देने वाली कंपनी के साथ 250 करोड़ का विवाद सुलझाया
SpiceJet ने हाल में प्रेफरेंशियल इश्यू के जरिये 1,060 करोड़ का निवेश हासिल किया है।

लो-कॉस्ट एयरलाइन स्पाइसजेट (Spicejet) ने लीज पर विमान देने वाले ग्रुप सेलेस्टियल एविएशन (Celestial Aviation) के साथ 250 करोड़ रुपये का विवाद सुलझा लिया है। एयरलाइन कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेजों को यह जानकारी दी गई है। यह मामला अब 1 मार्च को औपचारिक तौर पर वापस ले लिया जाएगा। दोनों पक्षों ने नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) की बेंच को इस बारे में जानकारी दी है।

एयरलाइन ने दो दिन पहले NCLT को बताया था कि लीज पर विमान देने वाली कंपनी सेलेस्टियल एविएशन के साथ उसका विवाद व्यावाहरिक तौर पर निपट गया है और अब सिर्फ औपचारिकताएं बाकी रह गई हैं। स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) अजय सिंह की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'विवाद के निपटारे के साथ ही हम अपने बेड़े को दुरुस्त करने और अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने पर फोकस कर सकते हैं। मैं सहयोग के लिए अपने निवेशक समेत तमाम पक्षों का का शुक्रगुजार हूं।'

इसमें आगे बताया गया है कि एयरलाइन ने हाल में प्रेफरेंशियल इश्यू के जरिये 1,060 करोड़ का निवेश हासिल किया है। निवेश करने वाली इकाइयों में एरिज ऑपूर्चनिटीज फंड लिमिटेड और एलारा इंडिया ऑपूर्चनिटीज फंड शामिल हैं। इन फंड्स का बड़ा हिस्सा पिछली बकाया राशि को निपटाने में इस्तेमाल किया जाएगा। स्पाइसजेट ने अक्टूबर 2023 में ट्राइब्यूनल को बताया था कि वह सेलेस्टियल के साथ विवाद सुलझाने की संभावना पर विचार कर रही है।

इसके बाद एयरलाइन कंपनी ने दिसंबर 2023 में ट्राइब्यूनल को बताया था कि उसने सेलेस्टियल एविएशन को कुछ पेमेंट किया था। सेलेस्टियल के वकील नितिन सरीन ने पेमेंट मिलने की बात भी स्वीकार की थी। हालांकि, एयरलाइन भुगतान में कई बार समयसीमा से चूक गया था।

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