SpiceJet के एमडी अजय सिंह ने लगाई GoFirst की बोली, ये है पूरा प्लान

नकदी की दिक्कतों से जूझ रही गोफर्स्ट (GoFirst) के लिए स्पाइसजेट (SpiceJet) के प्रमोटर अजय सिंह ने बिजी बी एयरवेज (Busy Bee Airways) के साथ मिलकर बोली लगाई है। हालांकि स्पाइसजेट की खुद की भी स्थिति बेहतर नहीं है। वहीं गो फर्स्ट की बात करें तो इसने नकदी की समस्या का हवाला देते हुए पिछले साल 3 मई 2023 को हवाई सेवाएं बंद कर दी थी

अपडेटेड Feb 16, 2024 पर 5:06 PM
Story continues below Advertisement
नकदी की दिक्कतों से जूझ रही गोफर्स्ट (GoFirst) के लिए स्पाइसजेट (SpiceJet) के प्रमोटर अजय सिंह ने बिजी बी एयरवेज (Busy Bee Airways) के साथ मिलकर बोली लगाई है।

नकदी की दिक्कतों से जूझ रही गोफर्स्ट (GoFirst) के लिए स्पाइसजेट (SpiceJet) के प्रमोटर अजय सिंह ने बिजी बी एयरवेज (Busy Bee Airways) के साथ मिलकर बोली लगाई है। स्पाइसजेट इस नई एयरलाइन के लिए ऑपरेटिंग पार्टनर के तौर पर काम करेगी जैसे कि जरूरी स्टॉफ मुहैया कराना, सर्विसेज और इंडस्ट्रीज एक्सपर्टाइज। स्पाइसजेट के सीएमडी अजय सिंह का मानना है कि गो फर्स्ट में अपार संभावनाएं हैं और इसे स्पाइसजेट के साथ मिलाकर फिर से एक्टिव किया जा सकता है, जिससे दोनों विमान कंपनियों को फायदा होगा। अजय सिंह का कहना है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर प्रतिष्ठित स्लॉट, इंटरनेशनल ट्रैफिक राइट्स और 100 से अधिक एयरबस नियो प्लेन्स के ऑर्डर के अलावा गो फर्स्ट एक भरोसेमेंद और वैल्यूएबल ब्रांड है। स्पाइसजेट का मानना है कि गोफर्स्ट के साथ आने पर रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी।

SpiceJet की भी वित्तीय सेहत बेहतर नहीं

अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर करने के लिए स्पाइसजेट ने हाल ही में करीब 15 फीसदी एंप्लॉयीज की छंटनी कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एंप्लॉयीज की सैलरी भी रुक गई है। स्पाइसजेट ने वर्ष 2005 में कारोबार शुरू किया था और अभी इसके करीब 9,000 एंप्लॉयीज हैं। इसके बेड़े में 30 विमान हैं जिनमें 10 वेट लीज अरेंजमेंट्स के तहत है। वर्ष 2019 में यानी कोविड-19 महामारी से पहले स्पाइसजेट के पास 118 विमानों का बेड़ा था और इसमें 15000 से अधिक एंप्लॉयीज थे। करीब दो हफ्ते पहले स्पाइसजेट ने प्रिफरेंशियल बेसिस पर सिक्योरिटीज अलॉट कर 744 करोड़ रुपये जुटाए। कंपनी की योजना शेयर और वारंट के जरिए 2,250 करोड़ रुपये जुटाने की है।

Go First Insolvency: गो फर्स्ट को 60 दिनों में खोजना होगा खरीदार, NCLT ने आखिरी बार बढ़ाई डेडलाइन


Go First ने पिछले साल 3 मई को दाखिल की थी याचिका

गो फर्स्ट ने नकदी की समस्या का हवाला देते हुए पिछले साल 3 मई 2023 को हवाई सेवाएं बंद कर दी थी। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) 10 मई को वालंटरी इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन शुरू करने की गो फर्स्ट की याचिका स्वीकार कर ली। गो फर्स्ट की बैंकरप्सी फाइलिंग के मुताबिक इस पर बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, IDBI बैंक और ड्यूश बैंक का 6521 करोड़ रुपये बकाया है। इसे खरीदने में अजय सिंह के अलावा शारजाह की स्काई वन और अफ्रीका की सैफरिक इनवेस्टमेंट्स ने दिलचस्पी दिखाई है। हाल ही में NCLT ने इसके रिजॉल्यूश प्रोसेस को 60 दिनों के लिए खिसका दिया। एनसीएलटी ने दूसरी बार इसे आगे खिसकाया था। इससे पहले 23 नवंबर को इसे 90 दिनों के लिए खिसकाया गया था।

Moneycontrol News

Moneycontrol News

First Published: Feb 16, 2024 5:06 PM

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।