सॉफ्टबैंक विजन फंड्स (SoftBank Vision Funds) ने निवेशकों को दिए प्रेजेंटशन में बताया कि दिसंबर तिमाही के आखिर तक भारत में उसके कुल पोर्टफोलियो की कुल वैल्यू 13.8 अरब डॉलर रही, जो फंड के ग्लोबल इनवेस्टमेंट का 9 पर्सेंट है। इनवेस्टमेंट फंड ने 'टोटल फेयर वैल्यू' का आकलन अधिग्रहण की लागत और ग्रॉस इनवेस्टमेंट गेन/लॉस को मिलाकर किया है। मनीकंट्रोल ने इस दस्तावेज की कॉपी भी देखी है।
दोनों विजन फंड्स नवंबर 2018 से अब तक भारतीय कंपनियों में 11 अरब डॉलर का निवेश कर चुके हैं और इस साल जनवरी के शुरू तक 6.2 अरब-6.5 अरब डॉलर निकाल भी चुके हैं। इनवेस्टमेंट फंड ने अब तक भारत में 30 कंपनियों को फंडिंग मुहैया कराई है। इनमें से 20 यूनिकॉर्न हैं यानी इनकी वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर से ज्यादा है।
सॉफ्टबैंक 2021 में भारत में सबसे आक्रामक और एक्टिव निवेशकों में से एक था और यह फंडिंग के लिहाज से भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए बेहद अहम साल था। सॉफ्टबैंक विजन फंड के CFO नवनीत गिल के एक अर्निंग कॉल के दौरान कहा कि फंड भारत के अपने पोर्टफोलियो को लेकर काफी संतुष्ट है, जिसमें पेटीएम (Paytm), डेल्हीवरी (Delhivery), मीशो (Meesho), फ्लिपकार्ट (Flipkart) और ओला (Ola) जैसी कंपनियां शामिल हैं।
उन्होंने बताया, 'अपने इंडिया के पोर्टफोलियो को लेकर काफी खुश हैं। ओला इलेक्ट्रिक और फर्स्टक्राई ने दिसंबर 2023 में लिस्टिंग के लिए आवेदन किया था। ओयो भी नए साल में IPO के लिए पहल सकती है। कोई हड़ब़ड़ी नहीं है। हमारे पोर्टफोलियो में शामिल सभी कंपनियां सही समय पर पब्लिक इश्यू लॉन्च करेंगी।'