Paytm Crisis: पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) की मुश्किलें कम नहीं हो पा रही है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने स्पष्ट कर दिया है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर जो कार्रवाई हुई है, उस पर फिर से फैसले के लिए मुश्किल से ही कोई गुंजाइश बची है यानी इस बात की कोई उम्मीद नहीं है कि आरबीआई अपने फैसले पर फिर से विचार करे। केंद्रीय बैंक RBI ने पिछले महीने 31 जनवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए डिपॉजिट्स लेने और क्रेडिट ट्रांजैक्शंस पर रोक लगा दिया और यह फैसला 29 फरवरी के बाद लागू हो जाएगा।
काफी सोच-समझकर की जाती है कार्रवाई
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज दिल्ली में पत्रकारों से बाचतीत में कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ जो कार्रवाई हुई है, उस फैसले के फिर से रिव्यू करने के लिए कोई गुंजाइश ही नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि RBI किसी भी रेगुलेटेड एंटिटी के खिलाफ जब कोई कदम उठाता है तो यह व्यापक तौर पर एसेसमेंट के बाद ही होता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि RBI फिनटेक सेक्टर के खिलाफ नहीं लेकिन यह ग्राहकों के हितों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है और वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करने को लेकर भी।
RBI ने 31 जनवरी को की थी Paytm Payments Bank पर कार्रवाई
केवाईसी में गड़बड़ियों के चलते RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर कार्रवाई की है। RBI ने अपनी जांच में पाया कि हजारों मामले ऐसे हैं जिसमें एक ही पैन 100 से अधिक ग्राहकों से जुड़े हैं तो कुछ मामले में 1 हजार से अधिक ग्राहकों से। इसके अलावा ट्रांजैक्शंस की टोटल वैल्यू भी करोड़ों रुपये की हो गई जो मिनिमम केवाईसी प्री-पेड इंस्ट्रूमेंट्स के लिए लिमिट से अधिक है और इससे मनी लॉन्ड्रिंग के सवाल उठे हैं।
9 फरवरी को पेमेंट्स कंपनी ने कहा कि बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पूक्व चेयरमैन एम दामोदरन की अगुवाआई में एक एडवाजरी कमेटी बनाई है। यह कमेटी इसे कंप्लॉयंस और रेगुलेशन पर सलाह देगी। तीन सदस्यों की इस कमेटी में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के पूर्व प्रेसिडेंट एमएम चिताले और आंध्रा बैंक के पूर्व सीएमडी आर रामचंद्रन हैं।