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Current Account Deficit: चालू खाते के घाटे में आई कमी, दिसंबर तिमाही में घटकर GDP के 2.2% पर आया

Current Account Deficit: भारत का चालू खाते का घाटा (Current Account Deficit) वित्त वर्ष 2022-23 की दिसंबर तिमाही में घटकर 18.2 अरब डॉलर पर आ गया। यह देश की जीडीपी का 2.2 प्रतिशत है। चालू खाता के घाटा मुख्य रूप से ग्लोबल ट्रेड के मोर्चे पर देश की स्थिति को बताता है। RBI ने शुक्रवार को कहा कि मुख्य रूप से मर्चेंडाइज ट्रेड घाटे में कमी के चलते यह गिरावट हुई

अपडेटेड Mar 31, 2023 पर 7:49 PM
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अप्रैल-दिसंबर 2022 के दौरान चालू खाता घाटा जीडीपी के मुकाबले 2.7 प्रतिशत रहा

Current Account Deficit: भारत का चालू खाते का घाटा (Current Account Deficit) वित्त वर्ष 2022-23 की दिसंबर तिमाही में घटकर 18.2 अरब डॉलर पर आ गया। यह देश की जीडीपी का 2.2 प्रतिशत है। चालू खाता के घाटा मुख्य रूप से ग्लोबल ट्रेड के मोर्चे पर देश की स्थिति को बताता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में कहा कि मुख्य रूप से मर्चेंडाइज ट्रेड घाटे में कमी के चलते यह गिरावट हुई। चालू खाते का घाटा (CAD) 2022-23 की दूसरी तिमाही में 30.9 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 3.7 प्रतिशत था। दूसरी ओर 2021-22 की दिसंबर तिमाही में यह 22.2 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 2.7 प्रतिशत था।

RBI ने कहा, "2022-23 की तीसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा कम होने की प्रमुख वजह मर्चेंडाइज ट्रेड घाटा में कमी है, जो 2022-23 की दूसरी तिमाही में 78.3 अरब डॉलर से घटकर 72.7 अरब डॉलर रह गया। इसके अलावा मजबूत सेवाओं और प्राइवेट ट्रांसफर रिसीप्ट्स से भी समर्थन मिला।"

सॉफ्टवेयर, बिजनेस और ट्रैवल सेवाओं के बढ़ते निर्यात के कारण सर्विस सेक्ट के एक्सपोर्ट में सालाना आधार पर 24.5 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई। शुद्ध रूप से सर्विस रिसीप्ट्स में भी बढ़ोतरी हुई।


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दिसंबर तिमाही में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) घटकर 2.1 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 4.6 अरब डॉलर था। वित्त वर्ष 2022-23 की दिसंबर तिमाही में शुद्ध विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) 4.6 अरब डॉलर रहा, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 5.8 अरब डॉलर की शुद्ध निकासी हुई थी।

RBI ने कहा कि प्राइमरी अकाउंट खाते से नेट एक्सपेंडिचर सालाना आधार पर 11.5 अरब डॉलर से बढ़कर 12.7 अरब डॉलर हो गया। प्राइवेट ट्रांसफर रिसीप्ट्स दिसंबर तिमाही में 30.8 अरब डॉलर रहीं, जो सालाना आधार पर 31.7 प्रतिशत अधिक हैं। इसमें मुख्य रूप से विदेशों में काम कर रहे भारतीयों की ओर से भेजा जाने वाला पैसा शामिल है।

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसंबर 2022 के दौरान चालू खाता घाटा जीडीपी के मुकाबले 2.7 प्रतिशत रहा। इससे एक साल पहले अप्रैल दिसंबर 2021 के दौरान यह आंकड़ा 1.1 प्रतिशत था।

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