ICICI Bank की पूर्व CEO चंदा कोचर और अन्य के खिलाफ CBI के आरोप पत्र में कई खुलासे हुए हैं। वीडियोकॉन ग्रुप (Videocon Group) के फाउंडर वेणुगोपाल धूत ने एक फ्लैट को लेकर बहस के दौरान ICICI Bank की पूर्व CEO और MD चंदा कोचर के पति दीपक कोचर से कहा था कि वह जेल में ”इंद्राणी मुखर्जी के साथ कमरा साझा करेंगी।” ICICI बैंक के कथित 3250 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में सीबीआई के आरोपपत्र में यह बात कही गई है। बता दें कि अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी अगस्त 2015 में गिरफ्तारी हुईं थीं और उसके बाद छह साल से अधिक समय तक भायखला जेल में बंद थीं। उन्हें मई 2022 में उच्चतम न्यायालय ने जमानत दी थी।
आरोपपत्र में हुए ये खुलासे
आरोपपत्र के अनुसार यह बात सुनकर दीपक कोचर बहुत गुस्सा हो गए और उन्होंने धूत से कहा कि उनकी सलाह मानें या फिर वह उन्हें "बर्बाद" कर देंगे। एक गवाह के बयान का हवाला देते हुए यह बात कही गई है। कोचर मामले में 10,000 से अधिक पन्नों का आरोपपत्र हाल ही में यहां एक विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दायर किया गया। पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार कोचर और धूत फिलहाल जमानत पर हैं।
एक गवाह के बयान के मुताबिक धूत और दीपक कोचर के बीच यहां चर्चगेट इलाके में सीसीआई चैंबर्स में एक फ्लैट को लेकर झगड़ा हुआ था। गवाह ने बयान में कहा कि धूत ने दीपक कोचर को बताया कि उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक होम फाइनेंस लिमिटेड को 5.38 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और फ्लैट का मालिकाना हक विवाद से मुक्त कराया है और यह उनका है।
बयान के मुताबिक, "इस पर दीपक कोचर गुस्सा हो गए और उन्होंने वी एन धूत को क्वालिटी एप्लायंस प्राइवेट लिमिटेड के सभी शेयर 11 लाख रुपये के अंकित मूल्य पर बेचने के लिए कहा, इस तरह फ्लैट उनके (दीपक के) पारिवारिक ट्रस्ट क्वालिटी एडवाइजर को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। ऐसा नहीं करने पर चंदा ICICI बैंक में उनके ऋण खातों को एनपीए घोषित कर देंगी।”
इस पर "वी एन धूत ने उनसे (दीपक) कहा कि फ्लैट को इस तरह से स्थानांतरित न करें कि चंदा एक दिन मुसीबत में पड़ जाए और उन्हें इंद्राणी मुखर्जी के साथ कमरा साझा करना पड़े। इस पर दीपक कोचर बहुत गुस्सा हो गए और उन्होंने वी एन धूत से कहा कि उनकी बात मान लें, अन्यथा वह उन्हें बर्बाद कर देंगे।” जांच एजेंसी ने कहा कि चंदा कोचर मुंबई में वीडियोकॉन ग्रुप के स्वामित्व वाले एक फ्लैट में रहती थीं।
कोचर ने ली 64 करोड़ रुपये की रिश्वत
बाद में फ्लैट को अक्टूबर 2016 में 11 लाख रुपये की मामूली राशि पर उनके पारिवारिक ट्रस्ट (दीपक कोचर इसके प्रबंध ट्रस्टी थे) को ट्रांसफर कर दिया गया, जबकि 1996 में इसका वास्तविक मूल्य 5.25 करोड़ रुपये था। सीबीआई के आरोप पत्र के मुताबिक ICICI बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को दिए गए कर्ज से 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का एनपीए बन गया। आरोपपत्र में कहा गया है कि कोचर ने कथित रूप से 64 करोड़ रुपये की ‘रिश्वत’ ली और इस तरह अपने पद का दुरुपयोग किया, जिससे बैंक को नुकसान पहुंचा।