बीमा कंपनियों को 25,000 करोड़ रुपये का नोटिस भेज सकता है इनकम टैक्स डिपार्टमेंट

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि इंश्योरेंस कंपनियों ने एजेंट्स और इंटरमीडियरीज को तय सीमा से ज्यादा कमीशन का भुगतान किया। यह सीमा इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने तय की है। टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, इंश्योरेंस कंपनियों ने अन्य खर्चों की आड़ में अतिरिक्त कमीशन का भुगतान किया

अपडेटेड Feb 09, 2024 पर 6:19 PM
Story continues below Advertisement
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) टैक्स चोरी मामले में इंश्योरेंस कंपनियों की जांच कर रहा है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट मार्च के आखिर तक इंश्योरेंस कंपनियों को कुल 25,000 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस भेज सकता है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया कि ये नोटिस उन इंश्योरेंस कंपनियों को भेजे जाएंगे, जिन्होंने ज्यादा कमीशन दिया है और 1 अप्रैल 2023 से पहले छूट क्लेम किया है।

अधिकारी ने मनीकंट्रोल (Moneycontrol) को बताया, 'CBDT इंश्योरेंस कंपनियो द्वारा 1 अप्रैल 2023 से पहले भुगतान किए गए कुछ वर्षों के टैक्स का फिर से असेसमेंट कर रहा है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्स नोटिस भेजने की तैयारी में है। मार्च के आखिर तक सभी इनकम टैक्स नोटिस भेज दिए जाएंगे और इससे जुड़ी रकम तकरीबन 25,000 करोड़ रुपये हो सकती है।'

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि इंश्योरेंस कंपनियों ने एजेंट्स और इंटरमीडियरीज को तय सीमा से ज्यादा कमीशन का भुगतान किया। यह सीमा इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने तय की है। टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, इंश्योरेंस कंपनियों ने अन्य खर्चों की आड़ में अतिरिक्त कमीशन का भुगतान किया।


सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) टैक्स चोरी मामले में इंश्योरेंस कंपनियों की जांच कर रहा है। IRDAI ने 1 अप्रैल 2023 से एजेंट्स को भुगतान किए जाने वाले कमीशन की सीमा हटा दी है, ताकि इंश्योरेंस सेक्टर में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का दावा है कि अतिरिक्त कमीशन का भुगतान किया गया और कोई सर्विस मुहैया कराए बिना छूट क्लेम की जा रही है।

अगर भुगतान की गई रकम वास्तविक खर्च नहीं है, तो इस पर छूट नहीं मिलेगी और कंपनियों को ज्यादा रकम पर डायरेक्ट टैक्स देना होगा। अधिकारी ने कहा, CBDT टैक्स एडजस्टमेंट करेगा और इसे खर्च नहीं मानेगा। लिहाजा, टैक्स विभाग पेनाल्टी की कार्यवाही भी शुरू कर सकता है।

उन्होंने कहा, 'जहां तक इनकम टैक्स की जांच का सवाल है, तो इसकी जरूरत इसलिए पड़ी है, क्योंकि जिस मद में छूट हासिल की गई, उसे वास्तव में इनकम मानना चाहिए। अगर कोई कंपनी इसे विज्ञापन से जुड़ा खर्च बताती है, तो यह लागत है, जबकि कमीशन को इनकम माना जाता है। इंश्योरेंस कंपनियों पर इन मामलों में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। कोई कंपनी इनकम को खर्च बताकर छूट का दावा नहीं कर सकती।'

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Feb 09, 2024 6:06 PM

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।