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सरकार की कुल देनदारी दिसंबर तिमाही में 2.6% बढ़कर ₹150.95 लाख करोड़ पर पहुंचा, जानें डिटेल

हाल ही में समाप्त हुई मौजूदा वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में सरकार की कुल देनदारी 2.6 फीसदी बढ़कर 150.95 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इससे पहले सितंबर तिमाही में यह आंकड़ा 147.19 लाख करोड़ रुपये था। वास्तविक टर्म में सरकार की कुल देनदारी (पब्लिक अकाउंट के तहत देनदारियों को शामिल करके) दिसंबर 2022 के अंत में बढ़कर 1,50,95,970.8 करोड़ रुपये रही

अपडेटेड Apr 01, 2023 पर 8:07 PM
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सरकार की कुल देनदारी दिसंबर 2022 के अंत में बढ़कर 1,50,95,970.8 करोड़ रुपये रही

हाल ही में समाप्त हुई मौजूदा वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में सरकार की कुल देनदारी 2.6 फीसदी बढ़कर 150.95 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इससे पहले सितंबर तिमाही में यह आंकड़ा 147.19 लाख करोड़ रुपये था। सरकारी की तरफ से जारी एक पब्लिक डेट मैनेजमेंट रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। वास्तविक टर्म में सरकार की कुल देनदारी (पब्लिक अकाउंट के तहत देनदारियों को शामिल करके) दिसंबर 2022 के अंत में बढ़कर 1,50,95,970.8 करोड़ रुपये रही। वित्त मंत्रालय की तरफ से शनिवार 1 अप्रैल को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर तिमाही में कुल बकाया देनदारियों में से 89 फीसदी पब्लिक डेट के खाते में रहा, जबकि सितंबर तिमाही में यह आंकड़ा 89.1 फीसदी रहा था।

करीब 28.29 प्रतिशत बकाया 5 साल से कम मैच्योरिटी अवधि वाले डेटेड सिक्योरिटीज (Dated Securities) की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने दिसंबर तिमाही में डेटेड सिक्योरिटीज के जरिए 3.51 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई जो इस बॉरोइंग कैलेंडर में रखे गए लक्ष्य 3.18 लाख करोड़ रुपये की राशि से अधिक है।

तिमाही के दौरान रिडेम्पशन के लिए देय 85,377.9 करोड़ रुपये की राशि, मैच्योरिटी की तारीख पर चुका दी गई थी। दिसंबर तिमाही के दौरान प्राइमरी इश्यू की औसत वेटेड यील्ड्स बढ़कर 7.38 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो दूसरी तिमाही में 7.33 प्रतिशत थी।


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इसके अलावा दिसंबर तिमाही में डेटेड सिक्योरिटीज (Dated Securities) के नए इश्यू की औसत वेटेड मैच्योरिटी अवधि 16.56 साल था, जो दूसरी तिमाही के दौरान 15.62 साल था। दिसंबर तिमाही के दौरान सरकार ने कैश मैनेजमेंट बिल के जरिए कोई राशि नहीं जुटाई।

यील्ड की बात करें, तो 10-साल के मैच्योरिटी अवधि वाले सरकारी बॉन्ड्स की यील्ड नरम होकर 7.33 फीसदी रही, जो सितंबर तिमाही के अंत में 7.40 फीसदी था। यील्ड्स में नरमी ऐसे समय में आई है, जब बीते 7 दिसंबर को आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने महंगाई पर अंकुश लगाने के लक्ष्य के साथ रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी की थी।

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