केंद्रीय बैंक RBI को फिनटेक कंपनियों और स्टार्टअप के साथ हर महीने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक करनी चाहिए। यह सुझाव केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आरबीआई को दिया है। मनीकंट्रोल को सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी मिली है। उन्होंने यह सुझाव फिनटेक इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ एक अहम बैठक के दौरान दिया। यह बैठक फिनटेक सेक्टर की विभिन्न चिंताओं को दूर करने और इस सेक्टर के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों पर चर्चा के लिए हुई थी। इस बैठक में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर, एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के अधिकारी शामिल थे।
बैठक के बाद वित्त मंत्रालय ने छह एक्शन प्वांट्स जारी किए। इसमें सभी फिनटेक सेक्टर्स में केवीईसी प्रोसेस के डिजिटाइजेशन के सरलीकरण के साथ-साथ किसी मामले को लेकर फिनटेक फर्मों और लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों के बीच बातचीत शामिल है। इस बैठक में फिनटेक क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों को समझने पर काफी चर्चा हुई। इसके अलावा इंडस्ट्री की ग्रोथ और सुरक्षा पर भी चर्चा हुई। बैठक में साइबर सिक्योरिटी को लेकर भी चर्चा हुई और डिजिटल फाइनेंशियल सिस्टम को सुरक्षित करने के तरीकों को मजबूत करने पर चर्चा हुई। बैठक में केवाईसी से जुड़े नियमों के अनुपालन और फिनटेक कंपनियों के विदेशी इक्विटीज की दोहरी लिस्टिंग जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा फिनटेक कंपनियों ने एफडीआई का भी मुद्दा उठाया।
बैठक में 40 स्टार्टअप्स उपस्थित
सूत्र के मुताबिक इस बैठक में 40 स्टार्टअप्स उपस्थित थे। फाइनेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक भारत में स्टार्टअप्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। DPIIT के आंकड़ों के मुताबिक 2016 में महज 300 से उछलकर यह 2023 में 1.17 लाख के पार पहुंच गया। इससे 12.4 लाख से अधिक रोजगार तैयार हुए। इसके अलावा 47 फीसदी स्टार्टअप्स में कम से कम एक महिला डायरेक्टर हैं। यह बैठक ऐसे समय में हुई जब RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए डिपॉजिट्स लेने और क्रेडिट ट्रांजैक्शंस पर रोक लगा दिया गया है। पहले यह रोक 29 फरवरी के बाद लागू होनी थी लेकिन अब इसे 15 मार्च तक खिसका दिया गया है।