भारत में इस साल प्राइवेट कर्मचारियों के वेतन में 9.5% की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। यह 2023 में हुई करीब 9.7 प्रतिशत की वेतन बढ़ोतरी से थोड़ा कम है। एक सर्वे में यह बात सामने आई। ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विस कंपनी एऑन पीएलसी (Aon PLC) की ओर से कराए 30वीं सालाना सैलरी इनक्रीज एंड टर्नओवर स्टडी के मुताबिक, कोरोना महामारी के बाद साल 2022 में कर्मचारियों की वेतन में दोहरे अंकों में बढ़ोतरी देखी गई थी, लेकिन उसके बाद यह वेतन बढ़ोतरी एकल अंक यानी 10 प्रतिशत से कम पर स्थिर हो गई है।
सर्वे में करीब 45 सेक्टर्स की 1,414 कंपनियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। Aon India में टैलेंट सॉल्यूशंस के चीफ कमर्शिल ऑफिसर रुपांक चौधरी ने कहा, "भारत के संगठित सेक्टर के वेतन में अनुमानित बढ़ोतरी बदलते आर्थिक परिदृश्य के सामने एक रणनीतिक एडजस्टमेंट का संकेत देती है।" उन्होंने कहा, "इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स की ग्रोथ मजबूत है। यह कुछ सेक्टर्स में तय निवेश की जरूरत का संकेत देती है।"
दुनिया के प्रमुख देश इस समय भू-राजनीतिक तनावों से गुजर रहे हैं। अमेरिका और यूरोप में सुस्ती की आशंका जताई जा रहे हैं। इसके चलते दुनिया की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में अभी सबसे अधिक वेतन बढ़ोतरी भारत में जारी है। इसके बाद बांग्लादेश और इंडोनेशिया का स्थान है, जिनमें 2024 में क्रमश: 7.3 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत की औसत वेतन बढ़ोतरी का अनुमान है।
सर्वे में पता चला कि नौकरी छोड़ने की दर 2022 के 21.4 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 18.7 प्रतिशत हो गई। फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन, इंजीनियरिंग, ऑटोमोटिव और लाइफ साइंस में सबसे अधिक वेतन बढ़ोतरी मिलने की संभावना जताई जा रही है, जबकि रिटेल व टेक्नोलॉजी कंसल्टेंसी एवं सर्विसेज में सबसे कम वेतन बढ़ोतरी का अनुमान है।