क्रिप्टो की दुनिया के सबसे शक्तिशाली शख्स चैंगपेंग झाओ (Changpeng Zhao) की हैसियत अब जीरो हो चुकी है और उनका भविष्य अब अनिश्चित हो चुका है। एक समय क्रिप्टो किंग के रूप में मशहूर चैंगपेंग ने अपना ताज खो दिया है। क्रिप्टो एक्सचेंज बाईनेंस (Binance) के प्रमुख चैंगपेंग झाओ को मंगलवार को अपना पद छोड़ना पड़ा। उन्हें अमेरिकी एंट्री-मनी लॉन्ड्रिंग कानून को तोड़ने का दोषी ठहराया गया है। यह दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज में वर्षों से चली आ रही जांच को हल करने वाले 430 करोड़ डॉलर के समझौते का एक हिस्सा है। यह डील बाईनेंस औऱ बाकी अमेरिकी एजेंसियों के बीच हुए सेटलमेंट का एक हिस्सा है। इसके जरिए बिना लाईसेंस के पैसों को इधर से उधर करने के कारोबार, साजिश और सैंक्शंस रेगुलेशंस के उल्लंघन से जुड़े चार्जेज का निपटारा हो गया।
Binance के सीईओ को कितनी हो सकती है जेल
दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज बाईनेंस के सीईओ झाओ ने ट्वीट लेकर कहा कि वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उनकी जगह अब 2021 में कंपनी में आए सीनियर एग्जेक्यूटिव रिचर्ड टेंग अब इसकी कमान संभालेंगे। उन्होंने कहा कि भावनात्मक तौर पर यह आसान नहीं था लेकिन वह जानते हैं कि यही सही है। झाओ ने कहा कि उन्होंने गलतियां की हैं और वह इसकी जिम्मेदारी लेते हैं। CZ के नाम से मशहूर झाओ 5 करोड़ डॉलर व्यक्तिगत रूप से भरेंगे और उन्हें बाईनेंस से किसी भी तरीके से जुड़ने पर रोक लगा दिया गया है। अमेरिकी सजा दिशानिर्देशों के मुताबिक झाओ पर जो आरोप लगे हैं, उनमें 10 से 18 महीने की जेल की सजा का प्रावधान है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अभियोजक 18 महीने की जेल की सजा की मांग कर रहे हैं।
Changpeng Zhao अर्श से फर्श पर
झाओ ने वर्ष 2017 में शंघाई में बाईनेंस लॉन्च किया। उस साल कंपनी के चैट ग्रुप में उन्होंने स्टॉफ से बातचीत में इसका दायरा व्यापक बनाने की बात कही थी और उन्होंने सिर्फ सपना ही नहीं देखा बल्कि इसे लगभग पूरा कर दिखाया। झाओ ने जनवरी में पिछले साल के रिव्यू में लिखा कि पहले यह मानना मुश्किल था कि पांच साल पुराना स्टार्टअप इतना मेच्योर हो सकता है और उसी लेवल पर ऑपरेट हो सकता है जिस पर करीब 200 साल पुराना कोई वित्तीय संस्थान हो लेकिन अब बाईनेंस ने इसे संभव कर दिया। झाओ के व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो वह चीन में पैदा हुए थे और 1989 में 12 साल की उम्र में कनाडा शिफ्ट हो गए थे। उन्होंने पिछले साल एक ब्लॉग में लिखा था कि वह चीन में तिएनमान स्क्वॉयर पर कार्रवाई के करीब दो महीने बाद कनाडा गए थे।
सब कुछ सही चल रहा था। बाईनेंस छह महीने में दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज बन गया। इस साल इसकी बाजार हिस्सेदारी में गिरावट आई है, फिर भी CCData के आंकड़ों के मुताबिक यह वैश्विक क्रिप्टोट्रेडिंग वॉल्यूम का लगभग आधा हिस्सा है। गड़बड़ी तब शुरू हुई जब यह अमेरिकी नियमों का पालन करने में फेल रही। इससे अलावा बाईनेंस से अपराधियों को अपने चुराए हुए पैसों को इधर से उधर करने और इसके एक्सचेंजों पर गैरकानूनी गतिविधियों को करने में मदद मिली। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा कि बाईनेंस ने सिर्फ कानूनों का उल्लंघन ही नहीं किया बल्कि इसने अनुपालन का बहाना भी किया।