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चीन ने की ब्याज दरों में अनुमान से अधिक कटौती, इस कारण बैंक ऑफ चाइना ने लिया फैसला

China Economy News: चीन में इकनॉमिक ग्रोथ को बूस्ट करने के लिए अधिकारियों को काफी मशक्कत झेलनी पड़ रही है क्योंकि उन्हें एक नहीं बल्कि कई चुनौतियों से एक-साथ झेलना पड़ रहा है। अब चीन ने अपनी ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए अहम बेंचमार्क लेंडिंग रेट में इकनॉमिस्ट्स के अनुमान से भी अधिक कटौती का फैसला किया। चीन का यह फैसला बाकी दूसरी अहम देशों के विपरीत हैं

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Feb 20, 2024 पर 8:56 AM
चीन ने की ब्याज दरों में अनुमान से अधिक कटौती, इस कारण बैंक ऑफ चाइना ने लिया फैसला
सालाना ग्रोथ रेट के मामले में चीन के लिए पिछला साल 1990 के बाद से सबसे खराब वर्षों में शुमार रहा जिससे वर्ष 2022 के आखिरी में कोरोना से जुड़े सख्य प्रतिबंधों के हटने के बाद तेजी से आर्थिक सुधार की उम्मीदें कम हो गईं।

China Economy News: चीन ने अपनी ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए अहम बेंचमार्क लेंडिंग रेट में कटौती का फैसला किया है। बैंक ऑफ चाइना ने जून के बाद पहली बार दरों में कटौती का ऐलान किया है और अब पांच साल की अवधि के लोन का प्राइम रेट (LPR) 4.2 फीसदी से घटकर 3.95 फीसदी पर आ गया है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के मुताबिक एलपीआर को 2019 में लाया गया था और तब से इसमें यह सबसे बड़ी कटौती है। यह कटौती इकनॉमिस्ट्स के अनुमान से भी अधिक है। इसका उद्देश्य कॉमर्शियल बैंकों को अधिक लोन और ज्यादा लाभप्रद दरों पर ग्रांट देने के लिए प्रोत्साहित करना है। चीन का यह फैसला बाकी दूसरी अहम देशों के विपरीत हैं जहां इनफ्लेशन से लड़ाई में दरों में कटौती की गई है।

हालांकि दूसरी तरफ कॉरपोरेट लोन के बेंचमार्क एक साल वाले एलपीआर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह 3.45 फीसदी पर बरकरार है। इस दर में पिछले साल अगस्त में बदलाव किया गया था और उस समय इसमें कटौती की गई थी। वहीं पांच साल के एलपीआर में जून में कटौती की गई थी।

इकनॉमिक ग्रोथ को बूस्ट देने के लिए कई चुनौतियां

चीन में इकनॉमिक ग्रोथ को बूस्ट करने के लिए अधिकारियों को काफी मशक्कत झेलनी पड़ रही है क्योंकि उन्हें एक नहीं बल्कि कई चुनौतियों से एक-साथ झेलना पड़ रहा है। जैसे कि लंबे समय से प्रॉपर्टी सेक्टर में जारी संकट, युवाओं के बीच बढ़ती बेरोजगारी और वैश्विक मंदी के चलते चाइनीज सामानों की मांग को झटका। रियल एस्टेट की दिक्कतों ने इकनॉमिक एक्टिविटी को तगड़ा झटका दिया। रियल एस्टेट लंबे समय से चीन की जीडीपी का एक-चौथाई से अधिक हिस्सा है।

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