Budget 2024- आज से बजट सत्र शुरू हुआ है। अपने अभिभाषण में देश की राष्ट्पति मुर्मू ने कहा कि सरकार रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के अपने कमिटमेंट पर कायम है। बैंकों का NPA घटा है। आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ी है। जबकि प्रधानमंत्री बोले सरकार का महिलाओं पर फोकस है। सीएनबीसी-आवाज़ को मिली खास जानकारी के मुताबिक बजट में महिलाओं से जुड़ी कई योजनाओं का ऐलान हो सकता है। लाड़ली बहन योजना की तर्ज पर कोई स्कीम आ सकती है। इस बार के अंतरिम बजट को लोग चुनावी बजट के रूप में मान रहे हैं। इसलिए लोगों का कहना है कि इस बार लोकलुभावन योजनाएं या ग्रोथ पर सरकार फोकस दिखाई देगा। शेयर बाजार और कारोबार के लिए कैसा रहेगा बजट इस पर जानें ब्रोकरेज फर्मों की राय-
देसी ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने अंतरिम बजट से अपनी उम्मीदों के बारे में कहा कि इस बार इसमें लोकलुभावन स्कीमों का ऐलान देखने को मिल सकता है। सरकार द्वारा रक्षा, रेलवे, रोड और हाइवे को ज्यादा आवंटन मिलता हुआ दिख सकता है। प्रॉपर्टी सेक्टर को बढ़ावा देने का भी ऐलान हो सकता है। इसके साथ ही कृषि, रूरल इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए कदम मुमकिन है।
Jefferies की बजट उम्मीदें
विदेशी ब्रोकरेज फर्म जैफरीज का कहना है कि अंतरिम बजट में सरकारी कैपेक्स ग्रोथ 10% से नीचे रह सकता है। उनका मानना है कि रूरल इंफ्रा को बूस्ट का फायदा मिलेगा। लिहाजा सीमेंट सेक्टर के लिए भी पॉजिटिव नजरिया रहेगा। बैंक, इंश्योरेंस सेक्टर में FPI लिमिट बढ़कर 100% हो सकती है। PSU बैंकों में भी FPI लिमिट बढ़ सकती है। तंबाकू पर टैक्स बढ़ना मुश्किल है। लिहाजा ITC का स्टॉक फोकस में रहेगा।
उनका कहना है कि मॉडल पोर्टफोलियो से उन्होंने L&T का वेटेज घटाकर न्यूट्रल किया है। अल्ट्राटेक, भारती एयरटेल, हीरो मोटो पर भी पॉजिटिव नजरिया है। इसके साथ ही अबकी बार कॉनकोर, BEML, IDBI, SCI का विनिवेश संभव है।
BoB का मानना है कि इस बार सरकार रूरल कंजम्प्शन बढ़ाने का कदम उठा सकती है। PM किसान सम्मान निधि का आवंटन बढ़ सकता है। सस्ते घर, MG-NREGA का आवंटन बढ़ सकता है। इससे FMCG, रूरल इंफ्रा शेयरों को फायदा होगा।
एम्के ने बजट से उम्मीदे बताते हुए कहा कि इस बार अंतरिम बजट में रेलवे, डिफेंस क्षमता विस्तार पर फोकस होगा। सरकार टैक्स घटाकर मिडिल क्लास को फायदा दे सकती है।
CARE ने बजट से अपनी उम्मीदों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अंतरिम बजट में कोई बड़ा पॉलिसी ऐलान मुश्किल है। विनिवेश आय में कमी का भुगतान टैक्स, नॉन टैक्स आय से संभव है। OMCs से ज्यादा डिविडेंड की उम्मीद है।
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