Budget 2023: यूनियन बजट पेश होने में एक महीने से कम समय बचा है। बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। अनुमान है कि सरकार बजट में आयकर (Income Tax) से छूट के लिए इनकम की सीमा बढ़ा सकती है। देश में इनकम पर टैक्स लगाने की शुरुआत आजादी के बाद से ही हो गई थी। पहले बजट में इनकम टैक्स से छूट के लिए आय की सीमा 1,500 रुपये थी। अभी यह 2,50,000 रुपये है।
स्वतंत्र भारत में पहली बार 1,500 रुपये से ज्यादा इनकम पर लगा था टैक्स
स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को भारत के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था। 1949-50 के बजट में इनकम टैक्स की दरों का पहला सेट पेश किया गया था। सालाना 1,500 रुपये तक की आय पर इनकम टैक्स नहीं लगता था। बजट में 1,501 रुपये से 5,000 रुपये सालाना आय पर 4.69 प्रतिशत इनकम टैक्स लगता था। जबकि, 5,001 रुपये और 10,000 रुपये के बीच की आय पर 10.94% टैक्स लगता था।
आजादी के बाद भारत के पहले बजट में इतना था टैक्स स्लैब
एक व्यक्ति की आय 10,001 रुपये से 15,000 रुपये के बीच होने पर 21.88 प्रतिशत की दर से इनकम टैक्स देना होता था। उस समय इनकम टैक्स रेट 15,001 रुपये से अधिक कमाने वालों के लिए 31.25 प्रतिशत था। इसके बाद इनकम टैक्स की दर सालाना आधार पर बदलती रहती थी।
सरकार से टैक्स फ्री आय की लिमिट बढ़ाने की मांग
अभी सालाना 2.50 लाख रुपये तक की आय टैक्स-फ्री है। इससे ज्यादा की आय पर टैक्स देना होता है। सरकार ने इनकम टैक्स की लिमिट को आखिरी बार साल 2014 में बदला था। तब इसे 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये कर दिया गया था। सरकार ने पिछले 9 सालों में इसमें फिर कोई बदलाव नहीं किया है।
1 फरवरी को पेश होने वाला यूनियन बजट केंद्र की मोदी 2.0 सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। ऐसे में टैक्सपेयर्स उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार उन्हें कुछ राहत देगी। 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र की नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी। यह बजट फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए होगा।