राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कोरोना वायरस महामारी के मुकाबले के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते कहा कि भारत ने रिकॉर्ड समय में वैक्सीन की 150 करोड़ डोज लगाईं
Budget 2022: संसद के बजट सत्र के पहले दिन केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने सोमवार को अपने अभिभाषण में कोरोना वायरस महामारी के मुकाबले के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते कहा कि भारत ने रिकॉर्ड समय में वैक्सीन की 150 करोड़ डोज लगाईं और वह सर्वाधिक वैक्सीन करने वाले अग्रणी देशों में शामिल हो गया है।
राष्ट्रपति ने पिछले एक वर्ष में कृषि क्षेत्र में हुए विकास का श्रेय देश के छोटे किसानों को दिया जो देश के किसानों का 80 प्रतिशत हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बावजूद किसानों ने 2020-21 में 30 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन किया। उन्होंने कहा कि देश का कृषि निर्यात 2020-21 में 25 प्रतिशत बढ़कर तीन लाख करोड़ रूपये हो गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार देश की सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित होकर काम कर रही है। सरकार की नीतियों की वजह से डिफेंस सेक्टर में, विशेषकर रक्षा उत्पादन में, देश की आत्म-निर्भरता लगातार बढ़ रही है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2020-21 में 98 प्रतिशत उपकरणों से जुड़े अनुबंधों में मेक इन इंडिया को प्राथमिकता दी गई है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण की बड़ी बातें
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि कोरोना संकट के बावजूद किसानों के अथक प्रयास से देश में खाद्यान्न और बागवानी फसलों का रिकार्ड उत्पादन और निर्यात हुआ है। वर्ष 2020-21 के दौरान 30 करोड टन खाद्यान्नों तथा 33 करोड़ टन बागवानी फसलों का उत्पादन हुआ। उन्होंने कहा कि फसलों के रिकार्ड उत्पादन के साथ ही रिकार्ड मात्रा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इसकी खरीद भी की गई है जिससे किसानों को आर्थिक लाभ हुआ है।
- राष्ट्रपति ने कहा कि रबी फसलों के दौरान 433 लाख टन गेंहू की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गई जिससे 50 लाख किसानों को फायदा हुआ। इसी तरह से खरीफ सीजन के दौरान 900 लाख टन धान की खरीद की गई जिससे एक करोड़ 30 लाख किसानों को आर्थिक लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 के दौरान कृषि निर्यात में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह तीन लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है।
- राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 11 करोड़ से अधिक किसानों को एक लाख 80 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की गई है। फसल बीमा योजना में बदलाव का लाभ भी छोटे किसानों को मिला है। करीब 8 लाख किसानों को फसलों की क्षति के लिए एक लाख करोड रुपये का मुआवजा दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये के कृषि आधारभूत संरचना कोष से अनेक कार्यक्रम शुरु किए गए हैं।
- राष्ट्रपति कहा कि सरकार देश की सुरक्षा के लिए दृढ संकल्प के साथ काम कर रही है जिससे रक्षा क्षेत्र में आत्म निर्भरता निरंतर बढ रही है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार देश की सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित होकर काम कर रही है। सरकार की नीतियों की वजह से डिफेंस सेक्टर में, विशेषकर रक्षा उत्पादन में, देश की आत्म-निर्भरता लगातार बढ़ रही है।
- सैन्य बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में किये जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि साल 2020-21 में सैन्य बलों के आधुनिकीकरण के लिए जो भी स्वीकृतियों प्रदान की गई उनमें 87 फीसदी उत्पादों में मेक इन इंडयिा को प्राथमिकता दी गई।
- सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि 2020-21 में 98 प्रतिशत उपकरणों से जुड़े अनुबंधों में मेक इन इंडिया को प्राथमिकता दी गई है।
सशस्त्र बलों की जरूरतों को देश में ही पूरा करने के सरकार के प्रयासों तथा सफलता के बारे में उन्होंने कहा कि हमारी सेनाओं ने 209 ऐसे साजो सामान की सूची भी जारी की है जिन्हें अब विदेश से नही खरीदा जाएगा।
- उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि सेनाओं की जरूरत का सामान भारत में ही विकसित हो तथा भारत में ही निर्मित हो। इसे ध्यान में रखते हुए हिन्दुस्तान ऐरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 83 एलसीए तेजस लड़ाकू विमान बनाने के लिए अनुबंध किए गए हैं। सरकार ने आर्डिनेन्स फैक्ट्रियों को रक्षा क्षेत्र के सात सार्वजनिक उपक्रमों का
रूप देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- उन्होंने देश के सभी नागरिकों को नल के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने की सरकार की योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘हर घर जल’ योजना के तहत छह करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल से जल की आपूर्ति की जा रही है।
- राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार की यह भी प्राथमिकता रही है कि भारत की अमूल्य धरोहरों को देश में वापस लाया जाए। 100 वर्ष पूर्व भारत से चोरी हुई मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति को वापस लाकर काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित किया गया है। दुनिया के अलग-अलग देशों से ऐसी ही कई ऐतिहासिक धरोहरें आज भारत में वापस लाई जा रही हैं।
- उन्होंने विरासत और पर्यटन का एक-दूसरे से गहरा नाता होने की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि आज एक ओर भारत की आध्यात्मिक विरासत को फिर से जीवंत किया जा रहा है, तो साथ ही तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाएं और इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजनाएं इसमें बड़ी भूमिका निभा रही हैं।