बजट 2022: पिछले कई साल से आम आदमी इस बात का इंतजार कर रहा है कि इनकम टैक्स छूट का स्लैब बढ़ाया जाए। फिलहाल 2.50 लाख रुपए तक की टैक्सेबल इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। लेकिन यह सीमा बढ़ाने की मांग पिछले कई साल से चली आ रही है। अब देखना है कि क्या इस बार निर्मला सीतारमण यह मांग पूरी करती हैं या नहीं। इस साल बजट में नए फैसले आने से पहले जान लीजिए कि पिछले साल इनकम टैक्स से जुड़े क्या फैसले लिए गए थे।
पिछले साल निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था। लेकिन टैक्स से जुड़े कई दूसरे अहम फैसले लिए थे।
सरकार ने कहा था कि टैक्सपेयर का केस 3 साल बाद नहीं खोला जा सकेगा। ऐसा बस एक ही सूरत में हो सकता है जब टैक्सपेयर्स ने एक साल में 50 लाख रुपए से ज्यादा रकम की टैक्स चोरी की हो।
पिछले साल बजट में दूसरा अहम फैसला यह किया गया था कि फॉर्म 26 AS में TDS के साथ डिविडेंड की भी डिटेल को शामिल किया था। यानी शेयर बाजार में निवेश के बाद कंपनियों से जो डिविडेंड मिलता था उसका जिक्र भी 26AS में होगा।
इसके अलावा बैंक और पोस्ट ऑफिस से मिलने वाला ब्याज भी 26AS में दिखाने का प्रावधान किया गया था। इसमें शेयर और लिस्टेड सिक्योरिटी से होने वाले कैपिटल गेन टैक्स की जानकारी भी 26AS में शामिल कर दिया गया था।
पिछले साल बजट में तीसरा अहम बदलाव था कि टैक्स मामलों से जुड़े विवादों को निपटाने के लिए एक कमिटी बनाई जाएगी। अगर किसी टैक्सपेयर्स की सालाना आमदनी 50 लाख रुपए है और उसका टैक्स विवाद 10 लाख रुपए का है तो वह इस कमिटी के जरिए फेसलेस तरीके से एप्लिकेशन देकर अपने केस का निपटारा कर सकता है।