Budget 2022: सोमवार को पेश होने वाले Economic Survey में GDP के अनुमान पर रहेगी नजर, हाल के बरसों में अक्सर गलत हुए हैं आकलन

CEA के नेतृत्व वाली टीम द्वारा तैयार की जाने वाली बजट-पूर्व आर्थिक समीक्षा में निगाहें मुख्य तौर जिन विषयों पर होती हैं उनमें से एक है अगले वित्त वर्ष के लिए GDP का अनुमान

अपडेटेड Jan 30, 2022 पर 10:16 PM
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के तुरंत बाद सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2021-22 के लिए आर्थिक समीक्षा लोकसभा में पेश करेंगी

Union Budget 2022 Highlights: अर्थव्यवस्था (Economy) की स्थिति की जानकारी देने और नीतिगत नुस्खे सुझाने के लिए केंद्रीय बजट से पहले संसद (Parliament) में पेश की जाने वाली आर्थिक समीक्षा (Economic Survey) अक्सर सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product- GDP) पूर्वानुमान पर चूक जाती है। कभी-कभी तो यह चूक बड़े अंतर से होती है। बता दें कि संसद में आर्थिक सर्वेक्षण के दस्तावेज पेश किए जाने के बाद आम बजट पेश किया जाता है।

इस बार सोमवार को संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के तुरंत बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 2021-22 के लिए आर्थिक समीक्षा लोकसभा में पेश करेंगी। वह एक अप्रैल, 2022 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष के लिए मंगलवार को आम बजट पेश करेंगी।

मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के नेतृत्व वाली टीम द्वारा तैयार की जाने वाली बजट-पूर्व आर्थिक समीक्षा में निगाहें मुख्य तौर जिन विषयों पर होती हैं उनमें से एक है अगले वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान। सरकार ने अर्थशास्त्री वी अनंत नागेश्वरन (V Anantha Nageswaran) को हाल में नया सीईए नियुक्त किया है। उन्होंने के वी सुब्रमण्यम की जगह ली है जिनका तीन साल का कार्यकाल दिसंबर, 2021 में पूरा हो गया था।


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2021-22 की आर्थिक समीक्षा को लेकर उम्मीद है कि वैश्विक कोरोना महामारी से पुनरुद्धार की दिशा में बढ़ने के संकेत दे रही एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को देखते हुए इसमें अगले वित्त वर्ष के लिए वृद्धि (Economic Growth) का अनुमान लगभग 9 फीसदी रखा जाएगा।

जनवरी, 2021 में पेश पिछली आर्थिक समीक्षा में 2021-22 के लिए 11 फीसदी आर्थिक वृद्धि रहने का अनुमान जताया गया था। हालांकि, भारत के सांख्यिकीय मंत्रालय (India statistics ministry) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि केवल 9.2 प्रतिशत ही रहेगी।

पिछली आर्थिक समीक्षा में अनुमान लगाया गया था कि अर्थव्यवस्था का कंट्रक्शन (contraction) 6-6.5 फीसदी रह सकता है, लेकिन यह अनुमान कोविड महामारी का प्रकोप शुरू होने के महीनों पहले का था, अंतत: 2020-21 में अर्थव्यवस्था का कंट्रक्शन 7.3 फीसदी रहा।

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मार्च, 2020 के बाद देश में सख्त लॉकडाउन लगाने के कारण आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई थीं। हालांकि, चालू वित्त वर्ष में भारत का दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बनना तय है।

MoneyControl News

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First Published: Jan 30, 2022 10:16 PM

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