वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अंतरिम बजट पेश करने के अगले दिन नेटवर्क18 के एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने इकोनॉमी को लेकर कई अहम बातें बताई। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द संसद में एक व्हाइट पेपर पेश करने वाली है। इसमें यह बताया जाएगा कि पिछली सरकार इकोनॉमी के खराब प्रबंधन से कितना नुकसान हुआ। इसमें यह भी बताया जाएगा कि पिछले सरकार ने किस-किस तरह के गलत कदम उठाए। अगर सही कदम उठाए गए होते तो इकोनॉमी पर उनका किस तरह से अच्छा असर पड़ सकता था।
यूपीए सरकार के दो कार्यकाल की तरफ इशारा करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि हमने शानदार 10 साल गंवा दिए। तब बैंक से लेकर मिनरल्स तक इकोनॉमी का हर सेक्टर मुश्किलों में घिरा था। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले व्हाइट पेपर इसलिए पेश नहीं किया, क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि सरकार और उसके संस्थानों में लोगों का भरोसा कम हो जाए। इसलिए प्रधानमंत्री ने पहले इकोनॉमी की सेहत ठीक की। उसके बाद हमने इसे पेश करने का प्लान बनाया।
लोगों की उम्मीद बनाए रखने की कोशिश की
उन्होंने कहा कि व्हाइट पेपर में इस बारे में विस्तार से बताया जाएगा कि 2014 में देश की हालत क्या थी और अब इसकी हालत कैसी है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार 2014 में सत्ता में आई थी तो उस पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी। हमें लोगों की उम्मीद कायम रखनी है। निवेश को आकर्षित करने के उपाय करने हैं। रिफॉर्म्स के लिए सपोर्ट हासिल करना है। हमने 'पहले देश' का ध्यान रख इस काम को सफलतापूर्व पूरा किया है।
पॉलिसी में अचानक बदलाव नहीं करना चाहती सरकार
वित्तमंत्री ने कहा कि गवर्नेंस के अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड, विकास और प्रदर्शन की बदौलत लोगों का भरोसा सरकार में बढ़ा है। इससे सरकार को लोगों का भरोसा और आशीर्वाद मिला है। हमारे काम को देखते हुए हमें लोग फिर से सरकार में आने का मौका देंगे। इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वालें हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पॉलिसी में अचानक बदलाव करने के पक्ष में कभी नहीं रहे। भ्रष्टाचार के आरोपों में कुछ नेताओं पर ईडी के छापों के बारे में वित्तमंत्री ने कहा कि लोग भ्रष्ट नेताओं को पंसद नहीं करते।