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Nirmala Sitharaman Interview: महंगाई से लेकर रिफॉर्म्स तक... बजट के बाद सीतारमण ने इन मुद्दों पर रखी अपनी बात

Nirmala Sitharaman Interview on Budget 2024 निर्मला सीतारमण ने कहा कि जहां तक रेटिंग एजेंसियों की बात है, तो मैं उन्हें उनके काम के लिए धन्यवाद देना चाहूंगी लेकिन यह उनके ध्यान में लाना हमारा काम है कि इंडियन इकोनॉमी जैसी उभरती इकोनॉमीज सभी मुश्किलों के बावजूद रिफॉर्म्स पर फोकस कर रही हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 02, 2024 पर 5:24 PM
Nirmala Sitharaman Interview: महंगाई से लेकर रिफॉर्म्स तक... बजट के बाद सीतारमण ने इन मुद्दों पर रखी अपनी बात
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से खास बातचीत

Nirmala Sitharaman Interview: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से हाल ही में देश का अंतरिम बजट पेश किया गया। इस दौरान कई अहम ऐलान वित्तमंत्री की ओर से किए गए। अंतरिम बजट के बाद सीएनबीसी की ओर से वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ खास बातचीत की गई है। इस दौरान वित्तमंत्री ने महंगाई, रिफॉर्म्स समेत कई मुद्दों पर अपने बात रखी। वित्त मंत्री ने कहा कि इकोनॉमी की तेज रफ्तार जारी है। हमें उम्मीद है कि हम महंगाई को काबू में रखते हुए, तेज ग्रोथ हासिल करेंगे। हमने बजट में ग्रोथ बढ़ाने वाले उपायों के साथ ही सबका ख्याल रखने की कोशिश की है।

रोजगार के मौक

सीएनबीसी के साथ खास बातचीत में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं इस बारे में नहीं बता सकती कि रूरल इकोनॉमी में क्या हो रहा है, लेकिन मेरा यह मानना है कि रोजगार के मौके पर स्थिति बदली है। माइग्रेशन में बदलाव दिखा है। हमने देखा है कि फिक्स्ड डिपॉजिट्स में सेविंग्स आ रही है। मिडिल क्लास शेयर बाजार के जरिए सेविंग्स कर रहा है। PLI स्कीम से प्राइवेट सेक्टर को फायदा मिला है। नए एरिया में इनवेस्टमेंट के नतीजे मिलने में लंबा समय लगता है। जहां तक रूरल इकोनॉमी का सवाल है, तो रोजगार के मामले में स्थिति बदली है।

रिफॉर्म्स

निर्मला सीतारमण ने कहा कि जहां तक रेटिंग एजेंसियों की बात है, तो मैं उन्हें उनके काम के लिए धन्यवाद देना चाहूंगी, लेकिन यह उनके ध्यान में लाना हमारा काम है कि इंडियन इकोनॉमी जैसी उभरती इकोनॉमीज सभी मुश्किलों के बावजूद रिफॉर्म्स पर फोकस कर रही हैं। हमारा फोकस रिफॉर्म्स पर बना रहेगा। इसका हमें पर्याप्त फायदा मिला है। हमने माइक्रो इकोनॉमिक स्टैबिलिटी का पूरा ध्यान रखा है। रेटिंग एजेंसियों को सभी चीजों को मिलाकर देखना होगा, न कि सिर्फ एक चीज पर फोकस करना होगा।

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