Budget 2022: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने हजारों किसानों को तोहफा देते हुए केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट (Ken-Betwa link project) के लिए 45,000 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की। वित्त मंत्री ने मंगलवार को कहा कि 44,605 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट को कार्यान्वित किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए यह भी कहा कि नदियों को जोड़ने की पांच परियोजनाओं- दमनगंगा-पिंजाल, पार-तापी-नर्मदा, गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार और पेन्नार-कावेरी की मसौदा डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को अंतिम रूप दे दिया गया है।
उन्होंने कहा कि लाभार्थी राज्यों के बीच आम-सहमति होने के साथ ही केंद्र सरकार इनके कार्यान्वयन के लिए आवश्यक सहायता दे देगी। सीतारमण ने कहा कि केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का उद्देश्य किसानों की 9.08 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधाएं, 62 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति, 103 मेगावाट पनबिजली और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उपलब्ध कराना है।
सीतारमण ने कहा कि इस परियोजना के लिए संशोधित बजट अनुमान 2021-22 में 4,300 करोड़ रुपये और 2022-23 में 1,400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देशभर के किसानों को डिजिटल और उच्च-प्रौद्योगिकी वाली सेवाओं के वितरण के लिए किसान ड्रोन, रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को बढ़ावा देने की घोषणा की है।
संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि समावेशी विकास सरकार की आगे बढ़ने की चार प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि समावेशी विकास के तहत सरकार फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए 'किसान ड्रोन' के उपयोग को बढ़ावा देगी।
उन्होंने कहा कि सरकार कृषि स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमों के वित्तपोषण के लिए नाबार्ड के माध्यम से सह-निवेश मॉडल के तहत जुटाई गई मिक्स कैपिटल के साथ एक कोष की सुविधा भी प्रदान करेगी। सीतारमण ने आगे कहा कि सरकार पहले चरण में गंगा नदी के किनारे पांच किलोमीटर चौड़े गलियारों में किसानों की भूमि पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे देश में प्राकृतिक जैविक खेती को बढ़ावा देगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि खाद्य तेलों के आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए तिलहन का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए व्यापक योजना लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को डिजिटल और हाई-टेक सेवाएं देने के लिए सरकार निजी कृषि प्रौद्योगिकी कंपनियों और एग्रीकल्चर वैल्यू चैन के शेयरहोल्डर्स के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसंधान और विस्तार संस्थानों की भागीदारी में पीपीपी आधार पर एक योजना शुरू करेगी।