Interim Budget 2024: पिछले कुछ चुनावी सालों में एक अच्छी बात यह देखने को मिली है कि इलेक्शन बजट बंद हो गया है। इसलिए सरकार के खर्च में मामूली वृद्धि देखने को मिली है। यह साफ है कि कोई सरकार अपने नए बजट से यह संकेत देना चाहेगी कि भविष्य में वह कहां जाना चाहती है। अंतरिम बजट इसी तर्ज पर दिखता है। आकंड़ों को समझने में थोड़ा समय लगेगा। लेकिन फिस्कल डेफिसिट के लिए जीडीपी का 5.1 फीसदी का टारगेट सही लगता है। अगले वित्त वर्ष के लिए 7 फीसदा ग्रोथ का अनुमान भी ठीक है। FY23 में ग्रोथ का अनुमान 7.3 फीसदी था। FY24 में ग्रोथ का अनुमान 7.3 फीसदी था।
अच्छी इकोनॉमिक ग्रोथ की वजह से टैक्स कलेक्शन बढ़ा है। इनफ्लेशन काबू में रहा है। इंडियन इकनॉमी एक तरह से मजबूत स्थिति में है। ऐसे में यह वित्तीय सेहत सुधारने पर फोकस करने के लिए सही वक्त है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाउसिंग पर फोकस बढ़ाने के संकेत दिए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के जरिए गांवों में 2 करोड़ घर बनाने का प्लान है। इससे पहले मोदी सरकार का फोकस स्वच्छ भारत, जल शक्ति और जनधन जैसी योजनाओं पर रहा है।
मेरे जैसे इकोनॉमिस्ट्स का एक बड़ा सवाल यह है कि पिछले एक दशक में एग्रीकल्चर की अच्छी ग्रोथ के बावजूद सब्सिडी की क्या जरूरत है? सरकार ने रूफटॉप सोलर मिशन पर फोकस बढ़ाया है। इस स्कीम में सरकार लोगों को घरों की छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी देगी। इससे बिजली वितरण कंपनियों की बिजली की कम जरूरत पड़ेगी। साथ ही बिजली वितरण कंपनियों को बिजली की सप्लाई से कमाई होगी। सोलर पावर यूनिट्स लगाने और उसके मेंटेनेंस की जरूरत की वजह से रोजगार के मौके बढ़ेंगे। हालांकि ज्यादातर बिजली वितरण कंपनियां पहले से ही घाटे में चल रही हैं।
बजट का दूसरा बड़ा ऐलान बायो-एनर्जी से जुड़ा है। बायोगैस की अनिवार्य ब्लेंडिंग से पर्यावरण को फायदा होगा। यह आर्थिक रूप से भी फायदेमंद है। इसलिए मुझे नहीं पता कि इसे क्यों अनिवार्य बनाया जा रहा है। अगर किसी काम में कमाई की गुंजाइश है तो उसे अनिवार्य बनाने की क्या जरूरत है। यह चौंकाने वाली बात है कि वित्तमंत्री ने बजट भाषण में स्मार्टफोन कंपोनेंट पर ड्यूटी घटाने के फैसले के बारे में क्यों नहीं बताया।