Interim Budget 2024: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2024-25 में डिसइनवेस्टमेंट के लिए 50,000 करोड़ रुपये का टारगेट तय किया है। साथ ही उन्होंने इस वित्त वर्ष (2023-24) के डिसइनवेस्टमेंट के टारगेट को घटाकर 30,000 करोड़ रुपये कर दिया है। पिछले साल 1 फरवरी को पेश बजट (Interim Budget) में सरकार ने इस वित्त वर्ष में डिसइनवेस्टमेंट के लिए 51,000 करोड़ रुपये का टारगेट तय किया था। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया। इसमें उन्होंने अगले वित्त वर्ष के लिए डिसइनवेस्टमेंट के टारगेट का ऐलान किया।
अब तक सिर्फ 10,050 करोड़ जुटा सकी है सरकार
सरकार ने इस वित्त वर्ष का डिसइनवेस्टमेंट का टारगेट इसलिए घटाया है, क्योंकि अब तक सरकार सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर सिर्फ 10,050 करोड़ रुपये जुटा सकी है। इसकी वजह यह है कि कुछ सरकारी कंपनियों में रणनीतिक बिक्री का प्लान पूरा नहीं हो सका। पिछले कुछ सालों में डिसइनवेस्टमेंट टारगेट को लेकर सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है। सरकार लगातार पांचवें साल डिसइनवेस्टमेंट के टारगेट से चूकी है।
IDBI Bank और एससीआई में स्ट्रेटेजिक सेल अगले वित्त वर्ष में
डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) अगले वित्त वर्ष में शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) और IDBI Bank में रणनीतिक बिक्री पूरी कर लेगा। यह वित्त मंत्रालय के तहत आता है। IDBI Bank में हिस्सेदारी बेचने से सरकार को 15,000-16,000 करोड़ रुपये हासिल होने की उम्मीद है। SCI में स्ट्रेटेजिक सेल से सरकार को 3,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। विनिवेश से सरकार को मिलने वाला पैसा नॉन-टैक्स रेवेन्यू के तहत आता है। इससे सरकार को अपना बजट घाटा कम करने में मदद मिलेगी। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों को देखते हुए अगले कुछ महीनों में डिसइनवेस्टमेंट पर सरकार का फोकस कम रहेगा।