प्रीमियम 5 लाख रुपये से ज्यादा तो इंश्योरेंस पॉलिसी पर नहीं मिलेगी टैक्स छूट

Budget 2023: इंश्योरेंस पॉलिसी के टैक्स के नियमों में बदलाव का ऐलान यूनियन बजट 2023 में किया गया है। माना जा रहा है कि इस ऐलान का असर लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की सेल्स पर पड़ेगा। नए नियम 1 अप्रैल, 2023 को या इसके बाद जारी होने वाली पॉलिसी पर लागू होंगे

अपडेटेड Feb 03, 2023 पर 6:10 PM
Story continues below Advertisement
बजट प्रस्ताव में कहा गया है कि ULIP को छोड़ अगर लाइफ इंश्योरेस पॉलिसी का कुल प्रीमियम 5 लाख रुपये से ज्यादा रहता है तो पॉलिसी से होने वाली इनकम पर टैक्स एग्जेम्प्शन का फायदा नहीं मिलेगा।

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने 1 फरवरी को यूनियन बजट (Union Budget 2023) में कहा कि अगर ट्रेडिशनल इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम 5 लाख रुपये से ज्यादा होता है तो उस पॉलिसी की मैच्योरिटी से मिलने वाली रकम टैक्स-फ्री नहीं होगी। इस प्रस्ताव का मकसद ज्यादा अमाउंट की इंश्योरेंस पॉलिसी से मिलने वाली रकम पर टैक्स एग्जेम्प्शन को सीमित करना है। इस ऐलान का असर इंश्योरेंस कंपनियों की सेल पर पड़ेगा।

1 अप्रैल से जारी पॉलिसी पर लागू होंगे नए नियम

वित्तमंत्री के प्रस्ताव में कहा गया है कि ULIP को छोड़ अगर लाइफ इंश्योरेस पॉलिसी का कुल प्रीमियम 5 लाख रुपये से ज्यादा रहता है तो पॉलिसी से होने वाली इनकम पर टैक्स एग्जेम्प्शन का फायदा नहीं मिलेगा। यह नियम 1 अप्रैल, 2023 को या इसके बाद जारी होने वाली इंश्योरेंस पॉलिसी पर लागू होगा। वित्तमंत्री ने कहा है कि इस नियम का असर 31 मार्च, 2023 तक जारी पॉलिसी पर नहीं पड़ेगा।


यह भी पढ़ें : Budget 2023: क्या आपकी इनकम 5-7 लाख के बीच है? जानिए आप टैक्स में कितनी बचत कर पाएंगे?

ULIP के नियम 2021 में ही बदल चुके हैं

Clear के सीईओ अर्चित गुप्ता ने कहा, "आपके पास एक या कई इंश्योरेंस पॉलिसी हो सकती हैं, जिनका कुल प्रीमियम एक साल में 5 लाख रुपये से ज्यादा हो सकता है। ऐसी स्थिति में सम एश्योर्ड टैक्स के दायरे में आएगा।" यह ध्यान में रखना जरूरी है कि ULIP के मामले में टैक्स छूट 2021 में ही वापस ले लिया गया था। तब यह कहा गया था कि ULIP का प्रीमियम सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा होने पर उससे होने वाली इनकम पर टैक्स एग्जेम्प्शन नहीं मिलेगा।

इंश्योरेंस इंडस्ट्री पर पड़ेगा असर

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार के इस फैसले का इंश्योरेंस इंडस्ट्री पर खराब असर पड़ेगा। सेक्योरनाउ इंश्योरेंस ब्रोकर के को-फाउंडर कपिल मेहता ने कहा, "इस कदम से लोग ज्यादा वैल्यू वाली ट्रेडिशनल पॉलिसी खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाएंगे। लेकिन, इससे लोगों का फोकस टर्म प्लान और प्योर रिस्क कवर्स पर बढ़ेगा, जो अच्छी बात है।"

मेहता ने कहा कि एक चिंता यह है कि इस फैसले से इनवेस्टर्स का झुकाव शुद्ध रूप से निवेश आधारित यूलिप जैसी की तरफ बढ़ न जाए। यूनियन बजट 2023 से इंश्योरेंस इंडस्ट्री को बहुत उम्मीदें थीं। इंडस्ट्री ने लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज के लिए टैक्स डिडक्शन के अलग बास्केट की मांग की थी। लेकिन, यह मांग पूरी नहीं हुई है।

न्यू टैक्स रीजीम में बदलाव का भी इंश्योरेंस इंडस्ट्री पर पड़ेगा असर

सरकार ने इनकम टैक्स की न्यू रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। चूंकि, इस रीजीम में टैक्स सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स में इनवेस्टमेंट पर किसी तरह का डिडक्शन नहीं मिलता है, जिससे माना जा रहा है कि टैक्स सेविंग के लिहाज से इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स की मांग में गिरावट देखने को मिल सकती है। यही वजह है कि 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश होने के बाद इंश्योरेंस कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Feb 03, 2023 6:05 PM

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।