केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को कहा कि सरकार 2022-23 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं और धान की खरीद के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपये भुगतान करेगी। वित्त मंत्री ने वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए 2022-23 को ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा की।
सरकार द्वारा पिछले साल लाए गए तीन विवादास्पद कृषि सुधार कानूनों को निरस्त करने के साथ कृषि उपज के लिए गारंटीकृत एमएसपी की मांग को लेकर महीनों से चल रहे किसानों के आंदोलन के बाद यह घोषणा की गई है।
पढ़िए, किसानों के लिए किए गए 10 बड़े ऐलान
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश करते कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान केंद्र सरकार देश भर के किसानों को डिजिटल और हाई-टेक सेवाएं मुहैया कराने के लिए किसान ड्रोन, रसायन मुक्त जैविक खेती, सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देगी।
- उन्होंने कहा कि इसके तहत ऐसे स्टार्टअप्स (startups) को बढ़ावा दिया जाएगा, जो विभिन्न एप्लीकेशंस के जरिए 'ड्रोन शक्ति' को सुविधाजनक बनाएंगे। वित्त मंत्री ने ड्रोन के एक सेवा के रूप में आगे बढ़ाने का भी उल्लेख किया।
- वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए सभी राज्यों के चुनिंदा आईटीआई में स्किलिंग से जुड़े जरूरी कोर्स शुरू किए जाएंगे। इससे पहले, सरकार ड्रोन तकनीक को मॉडर्न रूप देने के लिए कई पहल कर चुकी है। ड्रोन शक्ति का ऐलान भी उसी का एक हिस्सा है।
- सीतारमण के मुताबिक समावेशी विकास के तहत सरकार फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए 'किसान ड्रोन' के उपयोग को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि इन स्टार्टअप की गतिविधियों में किसान-उत्पादक संगठनों के लिए अंतर-क्षेत्रीय समर्थन, किसानों के हित में खेती के लिए किराए पर मशीनरी उपलब्ध कराना इत्यादि जैसे काम शामिल होंगे।
- सरकार ने ड्रोन के रजिस्ट्रेशन और ऑपरेशन के लिए एक डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म बनाया है, जिसमें पूरा प्रोसेस डिजिटल है। इसमें यूजर्स को अपने ड्रोन, पायलट और ओनर्स के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन पूरा करने की जरूरत है। सरकार ने कहा, लचीले ड्रोन नियमों के साथ-साथ एयरस्पेस मैप, पीएलआई स्कीम और डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के सिंगल विंडो के जरिए भारत की ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
- वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार 2021-22 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 163 लाख किसानों से 1,208 लाख टन गेहूं और धान की खरीद करेगी। उन्होंने कहा कि एमएसपी मूल्य का 2.37 लाख करोड़ रुपये उनके खातों में सीधे डाले जाएंगे।
- उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 को ‘मोटे अनाज का अंतरराष्ट्रीय वर्ष’ घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटे अनाज उत्पादों की घरेलू खपत को बढ़ाने के लिए फसल कटाई के बाद के प्रबंधन को सहायता देगी।
- अगले वित्त वर्ष में गेहूं और धान की अनुमानित खरीद का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि करीब 163 लाख किसानों से 1,208 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान की खरीद की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा अगले वित्त वर्ष में तिलहन का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने की बात कही।
- वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार कृषि वानिकी और निजी वानिकी को बढ़ावा देने के लिए नीतियां और आवश्यक विधायी बदलाव करेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उन किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जो कृषि वानिकी को अपनाना चाहते हैं।
- वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पहले चरण में गंगा नदी के किनारे पांच किलोमीटर चौड़े गलियारों में किसानों की भूमि पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे देश में रसायन-मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि खाद्य तेलों के आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए तिलहन का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए युक्तिसंगत और व्यापक योजना लागू की जाएगी।