देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी को देश का यूनियट बजट 2023 (Union Budget 2023) पेश किया। उनके द्वारा पेश किये बजट को बाजार ने सराहा। ज्यादातर विश्लेषकों ने वित्त मंत्री द्वारा पेश किये गये बजट को शानदार बताया। बजट के बाद आज वित्तमंत्री ने पहला TV इंटरव्यू दिया। वित्त मंत्री ने अपने सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में नेटवर्क18 ग्रुप के एडिटर इन चीफ राहुल जोशी से बात करते हुए कहा कि इस बजट को पेश करने से पहले हमने हर क्षेत्र के लोगों से बातचीत की। बजट को सबके लिए फायदेमंद बनाने के लिए हमने सबकी राय ली। हमने इस बजट को सर्वसमावेशी बनाने के लिए हर सेक्टर के लोगों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि खुले तौर पर सभी लोगों के सुझावों पर विचार हुआ।
COVID में भी जारी रहे आर्थिक सुधार
कोविड मैनेजमेंट के सवाल पर बोलते हुए सीतारमण ने कहा कि COVID संकट से निपटने के कोई उदाहरण पहले से मौजूद नहीं थे। लेकिन संकट की घड़ी में हमनें लगातार बातचीत जारी रखी। यहां तक कि महामारी के दौरान भी हमने आर्थिक सुधार जारी रखे। बजट पेश करते समय हमने रिफॉर्म की प्रक्रिया बनाए रखने पर फोकस रखा। COVID और रूस-यूक्रेन संकट बेहद गंभीर रहे।
वित्तमंत्री ने कहा कि बाजार पर बजट का पॉजिटिव असर दिख रहा है। वहीं वित्तीय घाटे पर राज्य सरकारों से केंद्र सरकार की बातचीत जारी है। पीएम विकास योजना पर उन्होंने कहा कि PM विकास योजना से बड़ा बदलाव होगा। इस बदवाल से समाज के सभी वर्गों को फायदा होगा।
बाजार से पैसे जुटाने में बैंक सक्षम
बैंकिंग सिस्टम की स्थिति के बारे में पूछे गये सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि आज भारतीय बैंकिंग सिस्टम एक मजबूत स्थिति में है। बैंक बाजार से पैसे जुटाने में सक्षम नजर आ रहे हैं। अगर बैंकों में रिस्क होता तो वे बाजार से पैसे नहीं जुटा पाते। इसलिए बैंकिंग सिस्टम की मजबूत को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि रूरल मैन्युफैक्चरिंग गुड्स की डिमांड मजबूत है। हालांकि डिमांड एक समान नहीं रहती। इसमें भी उतार-चढ़ाव आता रहता है। हमारा मानना है कि PM आवास योजना से ग्रामीण रोजगार बढ़ेगा।
निजीकरण के फैसले कैबिनेट द्वारा लिये गये
कंपनियों के निजीकरण सवाल पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार द्वारा कुछ कंपनियों के निजीकरण पर फैसला किया गया है। कैबिनेट ने निजीकरण से जुड़े फैसले लिए हैं। कंपनियों के लिए निजीकरण के लिए सही समय पर नजर बनी हुई है।