केंद्र सरकार का फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit) अप्रैल-दिसंबर में वित्त वर्ष 2021-22 के टार्गेट के 50.4 फीसदी तक पहुंच गया। दिसंबर में टैक्स कलेक्शन (Tax Collection) और कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capital Expenditure) में भी जबर्दस्त वृद्धि हुई। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स के डेटा से यह जानकारी मिली है। ये डेटा सोमवार को जारी किए गए। इस वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर में फिस्कल डेफिसिट टार्गेट के 46.2 फीसदी तक पहुंच गया था।ये आंकड़े यूनियन बजट से ठीक एक दिन पहले आए हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) मंगलवार को बजट (Budget 2022) पेश करेंगी।
सोमवार को उन्होंने संसद में इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) पेश किया। इसमें कहा गया है कि हमारी अर्थव्यवस्था तेज रिकवरी के रास्ते पर है। सर्वे ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल होने की भी उम्मीद जताई है। चालू वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट के लिए 6.8 फीसदी लक्ष्य तय है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान केंद्र का फिस्कल डेफिसिट बहुत ज्यादा था।
सरकार की वित्तीय सेहत ठीक है। इसका अंदाजा फिस्कल डेफिसिट के आंकड़ों से मिलता है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर में फिस्कल डेफिसिट की स्थिति वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले काफी अच्छी है। पिछले वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में फिस्कल डेफिसिट टार्गेट के 145.5 फीसदी तक पहुंच गया था। दिसंबर, 2021 में केंद्र का फिस्कल डेफिसिट 63,752 करोड़ रुपये था। यह दिसंबर 2020 के फिस्कल डेफिसिट के मुकाबले 23.2 फीसदी कम है।
इस वित्त वर्ष के बजट में फिस्कल डेफिसिट का 15.07 लाख करोड़ रुपये का टार्गेट तय किया गया था। हालांकि, फिस्कल डेफिसिट सरकार के लिए चिंता की वजह नहीं है, लेकिन दूसरे आकड़ों को लेकर थोड़ी चिंता हो सकती है। इस वित्त वर्ष के पहले 9 महीने में केंद्र का कैपिटल एक्सपेंडिचर टार्गेट के 70.7 फीसदी तक पहुंच गया। इसके मुकाबले अप्रैल-दिसंबर 2020 में कैपिटल एक्सपेंडिचर टार्गेट का 75 फीसदी था।
अप्रैल-दिसंबर के फिस्कल डेफिसिट के आंकड़ों को देखने से ऐसा लगता है कि इस वित्त वर्ष के बाकी महीनों में केंद्र को अपना खर्च बढ़ाने में किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना होगा। चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में केंद्र का खर्च ज्यादा रहने की उम्मीद है।