Economic Survey: GDP के अनुपात में 7 सालों के रिकॉर्ड स्तर पर निवेश, स्थायी पूंजी निर्माण 15% रहने का अनुमान

Economic Survey 2022-23: निवेश के मोर्चे पर, इकोनॉमिक सर्वे को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2021-22 में 'ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फार्मेशन (GFCF)' में 15 फीसदी की मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगी

अपडेटेड Jan 31, 2022 पर 3:25 PM
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सरकार ने सोमवार 31 जनवरी को जारी किया इकोनॉमिक सर्वे

Economic Survey 2022: निवेश के मोर्चे पर, इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2021-22 में 'ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फार्मेशन (GFCF)' में 15 फीसदी की मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगी। साथ ही उसे यह भी उम्मीद है कि इस मामले में भारत कोरोना-पूर्व के स्तर को भी हासिल कर लेगा।

आर्थिक सर्वे के मुताबिक, "सरकार की नीतियां कैपिटल एक्सपेंडिचर और बुनियादी ढांचे पर खर्च के जरिए विकास के चक्र को तेज करने पर जोर देती है। इसके चलते अर्थव्यवस्था में पूंजी का निर्माण हुआ है, जिससे वित्त वर्ष 2021-22 में इनवेस्टमेंट टू जीडीपी रेशियो बढ़कर 29.6 फीसदी पर पहुंच गया है, जो पिछले 7 सालों का उच्चतम स्तर पर है।

क्या होता है ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फार्मेशन?

सरकार और प्राइवेट सेक्टर की तरफ से फिक्स्ड एसेट पर कितना कैपिटल यानी पैसा खर्च किया जाना है, इसी के आकलन को ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फार्मेशन यानी सकल स्थायी पूंजी निर्माण (GFCF) कहा जाता है। यहां फिक्स्ड कैपिटल से आशय किसी सरकार या प्राइवेट कंपनी की तरफ से उस वित्त वर्ष या तिमाही में मशीनरी, वाहन, सॉफ्टवेयर, नई रिहायशी इमारतों, सड़क आदि पर किया गया खर्च शामिल होता है।


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इस तरह GFCF से यह पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में मशीनरी या बिल्डिंग जैसे फिक्स्ड एसेट के निर्माण पर होने वाले खर्च में कितना उतार-चढ़ाव आ रहा है। दरअसर यह माना जाता है कि विकास की गति को बरकरार रखने के लिए नए-नए मशीनों या अन्य तरह के कैपिटल गुड्स की जरूरत पड़ती है।

अगर कोई देश नई मशीनरी नहीं खरीदकर, पुरानी मशीनरी से ही काम चला रहा है तो उसका उत्पादन का स्तर दूसरों देशों के मुकाबले गिर जाएगा और वह उनसे पीछे रह जाएगा। इससे उस देश के विकास की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी। इसीलिए यह माना जाता है कि अगर किसी देश में ‘ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन’ तेज गति से हो रहा है तो उस देश के विकास की रफ्तार भी अधिक होगी। यह अर्थव्यवस्था में निवेश के स्तर का सूचक है।

वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वे किया पेश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार 31 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे यानी आर्थिक सर्वे को संसद में पेश किया। आर्थिक सर्वे में अगले वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी ग्रोथ रेट के 8 से 8.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान जताया गया। सर्वे में कहा गया कि कैपिटल एक्सेपेंडिचर को बढ़ाने के लिए भारत के पास पर्याप्त राजकोषीय बजट है।

वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ के 9.2 फीसदी का अनुमान जताया गया है, जबकि कृषि सेक्टर का ग्रोथ 3.9 फीसदी और इंडस्ट्रियल ग्रोथ का ग्रोथ 11.8 फीसदी पर रहने का अनुमान है। सप्लाई के मोर्चे पर, अगले वित्त वर्ष में कैपिटल एक्सपेंडिचर और एक्सपोर्टस के ग्रोथ के मुख्य इंजन बनने का अनुमान है।

MoneyControl News

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First Published: Jan 31, 2022 3:23 PM

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