Economic Survey 2022: भारत में अब तक 61,400 से अधिक स्टार्टअप्स को सरकार की तरफ से मान्यता मिल चुकी है। इसमें से करीब 14,000 स्टार्टअप्स को सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान मान्यता दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार 31 जनवरी को संसद में आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश करते हुए यह जानकारी दी।
बता दें कि भारत सरकार की तरफ से डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनरल ट्रेड (DPIIT) स्टार्टअप्स को मान्यता देता है।
इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट में बताया कि अब देश के 555 जिलों में कम से कम एक स्टार्टअप मौजूद है। सर्वे में कहा गया, "साल 2021 के दौरान सरकार ने 14,000 से अधिक नए स्टार्टअप्स को मान्यता दी, जबकि 2016-17 के दौरान यह सिर्फ 733 नए स्टार्टअप्स को मान्यता दी गई थी। यह पिछले 5 सालों में स्टार्टअप इकोसिस्टम में आए सुधार को दिकाथा है। इसके चलते 10 जनवरी 2022 तक भारत में 61,400 से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हो चुके हैं।"
आर्थिक सर्वे में बताया कि साल 2021 में कुल 44 स्टार्टअप्स, यूनिकॉर्न बन गए यानी इनकी मार्केट वैल्यू 1 अरब डॉलर के पार चली गई। पहली बार किसी एक साल में इतने स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न बने हैं, जो एक रिकॉर्ड है। इसके साथ देश में अब कुल यूनिकॉर्न की संख्या 83 पहुंच गई है और इनमें से अधिकतर सर्विस सेक्टर से जुड़े हैं। इन 83 यूनिकॉर्न की कुल मार्केट वैल्यू 277.77 अरब डॉलर है।
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, 44 यूनिकॉर्न के साथ भारत 2021 में इंग्लैंड को पीछे छोड़कर यूनिकॉर्न के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया। साल 2021 में पूरी दुनिया में सबसे अधिक 487 यूनिकॉर्न अमेरिका में बने, जबकि 301 यूनिकॉर्न के साथ चीन दूसरे स्थान पर रहा। वहीं भारत 44 यूनिकॉर्न के साथ तीसरे नंबर पर जबकि इंग्लैंड चौथे स्थान पर रहा।
आर्थिक सर्वे 2021-22 के मुताबिक, हाल के वर्षों में दिल्ली ने स्टार्टअप कैपिटल के मामले में बेंगलुरु को पीछे छोड़ दिया है। अप्रैल 2019 से दिसंबर 2021 के बीच, दिल्ली में जहां 5,000 से अधिक स्टार्टअप रजिस्टर हुए, वहीं बेंगलुरु में 4,514 नए स्टार्टअप रजिस्ट हुए। राज्यों की बात करें, तो कुल 11,308 स्टार्टअप के साथ, महाराष्ट्र इस मामले में नंबर 1 है।