Economic Survey 2022 : आर्थिक समीक्षा में मार्च, 2023 में समाप्त होने वाले अगले वित्त वर्ष में 8-8.5 फीसदी की ग्रोथ रहने का अनुमान जाहिर किया गया है। एक आधिकारिक डॉक्युमेंट में यह बात सामने आई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा सोमवार को लोकसभा में आर्थिक समीक्षा 2021-22 पेश की गई।
सामान्य स्थिति में आ रही है इकोनॉमी
रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि और इंडस्ट्रियल आउटपुट ग्रोथ से मिली मदद के सहारे सभी माइक्रो इंडिकेटर्स से संकेत मिले हैं कि इकोनॉमी सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। जुलाई-सितंबर के दौरान भारतीय इकोनॉमी ने गति पकड़ी है और दूसरी लहर की तबाही के बाद कोरोना वायरस से संबंधित बाधाओं के कम होने के साथ इकोनॉमी धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ रही है।
भारत दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होती इकोनॉमीज में शामिल
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) एक साल पहले की तुलना में 8.4 फीसदी बढ़ी। इस प्रकार भारत दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होती इकोनॉमीज में से एक बना रहा। पहले एडवांस एस्टीमेट के मुताबिक, मार्च, 2022 में समाप्त वित्त वर्ष के दौरान भारत की जीडीपी ग्रोथ 9.2 फीसदी रह सकती है।
इकोनॉमी की तस्वीर पेश करती है आर्थिक समीक्षा
बजट पहले संसद में पेश बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा इकोनॉमी की स्थिति के बारे में बताती है और नीतिगत सुझाव देती है, अक्सर जीडीपी अनुमान पर चूक जाता है। कोविड महामारी के बीच जनवरी, 2021 में पेश पिछली समीक्षा में 2021-22 के लिए 11 फीसदी इकोनॉमिक ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया गया था।
हालांकि, भारत के सांख्यिकी मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में 9.2 फीसदी इकोनॉमिक ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया है। 2020 में कोविड महामारी के सामने आने से कुछ महीने पहले संसद में पेश इकोनॉमिक सर्वे में 6-6.5 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया गया था, जबकि इसके विपरीत 2020-21 में इकोनॉमी में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।