Economic Survey 2022 : गिरावट के कई जोखिमों के बावजूद, भारत के एक्सटर्नल सेक्टर का अप्रत्याशित लेकिन शानदार लचीलापन इकोनॉमी में ग्रोथ के रिवाइवल के लिए अच्छा संकेत है। सोमवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा, 2021-22 में यह बात कही गई। समीक्षा में अल्पावधि में एक्सपोर्ट और इंपोर्ट के दमदार वापसी के संकेत मिले हैं, जिसकी पॉलिसीमेकर्स द्वारा पहले उम्मीद नहीं की जा रही थी। सर्वे के मुताबिक, “ग्लोबल ट्रेड ग्रोथ में नरमी, शिपिंग रेट्स में बढ़ोतरी और कंटेनर्स की कमी की समस्या को देखते हुए यह उल्लेखनीय है।”
2021-22 के लिए 400 अरब डॉलर के एक्सपोर्ट का है लक्ष्य
समीक्षा में संकेत किए गए कि 2021-22 के लिए 400 अरब डॉलर के एक्सपोर्ट के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की तुलना में, भारत ने 301.4 अरब डॉलर मूल्य के गुड्स के एक्सपोर्ट के साथ 75 फीसदी से ज्यादा का स्तर हासिल कर दिया जो अप्रैल-दिसंबर, 2021-22 के लिए तय 300 अरब डॉलर के लक्ष्य से ज्यादा है।
बड़ी इकोनॉमीज द्वारा राहत पैकेज के ऐलान के कारण प्रमुख बाजारों में अच्छी रिकवरी, कंज्यूमर स्पेंडिंग में बढ़ोतरी, सेविंग और डिस्पोजेबिल इनकम में सुधार, ग्लोबल स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में उछाल और एक्सपोर्ट को प्रोत्साहन दिए जान से 2021-22 में एक्सपोर्ट को मजबूती मिली। चूंकि, ये सभी प्रमुख फैक्टर्स फिलहाल बने रहने का अनुमान है, इसलिए समीक्षा में अगले वित्त वर्ष में भी एक्सपोर्ट के शानदार प्रदर्शन का भरोसा जाहिर किया गया है।
सर्वे में आगाह किया गया, “हालांकि, भारत के लिए 2022-23 में ग्लोबल स्तर पर लिक्विडिटी में सख्ती और ग्लोबल कमोडिटी की कीमतों में उतारचढ़ाव जारी रहने, ऊंची ढुलाई लागत के के साथ ही नए वैरिएंट के चलते कोविड-19 के फैलने से जुड़े रिस्क बने रह सकते हैं।”
समीक्षा में संकेत किए गए कि मैरीन प्रोडक्ट्स, बफैलो मीट, कॉफी और डेयरी प्रोडक्ट्स ने मौजूदा वर्ष के दौरान अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की है, जिनका 2020-21 में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। समीक्षा में आने वाले वर्षों में कृषि निर्यात में विविधता और सुधार के लिहाज से यह एक शुभ संकेत पर जोर देते हुए सेक्टर के आगे बढ़ने की क्षमताओं का उल्लेख किया गया।
समीक्षा में कहा गया, अप्रैल-नवंबर, 2021 के दौरान कृषि और संबंधित उत्पादों (मैरीन और प्लांटेशन प्रोडक्ट्स सहित) का निर्यात 23.2 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 31.0 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
बीते वर्षों की समीक्षाओं की तरह ही आर्थिक समीक्षा में भारत के निर्यात में विविधता लाने पर जोर दिया गया। इसमें कहा गया, “भारत पिछले 25 साल में अपने एक्सपोर्ट डेस्टिनेशंस में खासी विविधता लाया है, इसके बावजूद भारत का 40 फीसदी से ज्यादा निर्यात सिर्फ सात देशों पर केंद्रित है।”