इकोनॉमी सर्वे 2021-22 में कहा गया है कि वर्तमान वित्त वर्ष के पहले 8 महीने में कंपनियों द्वारा आईपीओ के जरिए जुटाई गई पूंजी की मात्रा इस दशक के शिखर पर पहुंच गई है। 31 जनवरी यानी आज जारी हुए बजट पूर्व इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि अप्रैल से नवंबर की अवधि में 75 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए प्राइमरी मार्केट से 89,066 करोड़ रुपये जुटाए है जबकि 2020 की इस अवधि में आईपीओ के जरिए 14,733 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।
इकोनॉमिक सर्वे में यह भी कहा गया है कि इस अवधि में आईपीओ के जरिए जुटाई गई पूंजी पिछले दशक के किसी भी एक वर्ष में जुटाई गई पूंजी से ज्यादा रही है। इस सर्वे में सेबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि 2021 में आए 8 आईपीओ 100 गुने से ज्यादा भरे जबकि 11 आईपीओ 50 से 100 गुना तक भरे।
इस सर्वे में कहा गया है कि आईपीओ बाजार में सभी तरह के निवेशकों की भारी रूचि सिर्फ बाजार पर उनके विश्वास को ही व्यक्त नहीं करती बल्कि लंबी अवधि में कंपनियों और इकोनॉमी की ग्रोथ लेकर उनके विश्वास को भी व्यक्त करती है।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अप्रैल से नवंबर 2021-22 की अवधि में आईपीओ मार्केट से रिकॉर्ड उगाही हुई ही है। इसके अलावा इसी अवधि में कंपनियों द्वारा शेयरों के प्रिफरेंशियल इश्यू के जरिए भी 43,004 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई गई है जो कि पिछले साल की इसी अवधि में सिर्फ 25,701 करोड़ रुपये पर रही थी।
समग्र रूप से देखें तो कंपनियों ने वर्तमान वित्त वर्ष के पहले 8 महीने में प्राइमरी मार्केट से 1.81 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 1.72 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए थे। इस सर्वे में यह भी कहा गया है कि वर्तमान वित्त वर्ष भारतीय इक्विटी मार्केट के लिए नए युग के इंटरनेट आधारित कंपनियों की आईपीओ के जरिए जबरदस्त फंड रेजिंग के नजरिए से भी शानदार रहा है।
आज जारी सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान वित्त वर्ष में इक्विटी मार्केट में रिटेल निवेशकों की भागीदारी में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है। एनएसई के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि एनएसई के टर्नओवर में रिटेल निवेशकों का योगदान अप्रैल-अक्टूबर 2021 की अवधि में 2019 -20 के 38.8 फीसदी से बढ़कर 44.7 फीसदी पर आ गया।