Budget 2024 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया। स्टॉक मार्केट (Stock Market) ने इस बजट की कई घोषणाओं का स्वागत किया है। वहीं, दूसरी ओर कई ऐसी घोषणाएं भी रही, जो बाजार को रास नहीं आई है। लोकसभा चुनाव मई में होने हैं, ऐसे में इस बजट के लोकलुभावन होने की उम्मीद जताई जा रही थी। हालांकि, मोदी सरकार ने इस बजट में लोकलुभावन उपायों पर कम फोकस किया है। अंतरिम बजट 2024-25 पेश होने के बाद 1 फरवरी को सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों ही मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। ऐसे में, यहां हमने बताया है कि इस बजट में बाजार को सरकार की कौन सी घोषणाएं पसंद आईं, और कौन सी नहीं।
बजट की इन घोषणाओं पर बाजार खुश
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में FY25 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को घटाकर ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यायी GDP का 5.1 फीसदी कर दिया, जो FY24 में 5.8 फीसदी था। इसी तरह, सरकार की ग्रॉस मार्केट बॉरोइंग इस वित्तीय वर्ष के 15.43 लाख करोड़ रुपये से घटकर 2024-25 में 14.13 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी।
लोकसभा चुनाव मई में होने वाले हैं। चुनाव से पहले यह सरकार का अंतरिम बजट है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि जनता को खुश करने के लिए सरकार कई लोकलुभावन घोषणाएं कर सकती है। हालांकि, मोदी सरकार ने बजट में लोकलुभावन कदम नहीं उठाए।
STT, LTCG में कोई बढ़ोतरी नहीं
बजट में लॉन्ग टर्म/शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG, STCG) या सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं किया गया है। सरकार के इस फैसले के बाद बाजार ने राहत की सांस ली।
सरकार की ये घोषणाएं नहीं आई रास
कैपिटल एक्सपेंडिचर में मामूली बढ़ोतरी
सीतारमण ने FY25 के कैपिटल एक्सपेंडिचर आवंटन को 11.1 फीसदी बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया, जो बाजार की उम्मीदों से कम था। पिछले बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर में 37.4 फीसदी की भारी बढ़ोतरी हुई थी। इस फैसले का असर इंजीनियरिंग कंपनी L&T पर देखने को मिला। यह स्टॉक 2.3 फीसदी की गिरावट के साथ टॉप सेंसेक्स लूजर रहा।
FY24 के लिए विनिवेश का लक्ष्य घटाने का फैसला
सरकार ने वित्त वर्ष 2024 के लिए अपने विनिवेश लक्ष्य को संशोधित करके 30000 करोड़ रुपये कर दिया है। यह शुरुआती लक्ष्य 51000 करोड़ रुपये से लगभग 40 फीसदी कम है। इस वित्त वर्ष में अब तक विनिवेश के जरिए केवल 10000 करोड़ रुपये ही एकत्र हो पाए हैं। बजटीय विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने में भारत का ट्रैक रिकॉर्ड निराशाजनक रहा है। केंद्र लगातार पांचवें साल अपने विनिवेश लक्ष्य से चूक गया है। FY25 के लिए विनिवेश लक्ष्य 50,000 करोड़ रुपये तय किया गया है।
कई मार्केट पार्टिसिपेंट्स को उम्मीद थी कि वित्त मंत्री घरेलू खपत को बढ़ावा देंगी, जो भारत के विकास का इंजन है। प्राइवेट फाइनल कंजप्शन एक्सपेंडिचर (PFCE) वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में लगभग आधी होकर 3.13 फीसदी हो गई है, जो पहली तिमाही में 5.97 प्रतिशत थी। इसके जरिए कार और टीवी से लेकर दैनिक उपयोग की वस्तुओं तक भारतीय उपभोक्ताओं द्वारा अपनी पर्सनल कैपिसिटी में किए गए कुल खर्च को मापा जाता है।
मध्यम वर्ग के लिए कोई आयकर राहत या कृषि क्षेत्र के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं होने से बाजार को निराशा हुई। 2019 में पिछले अंतरिम बजट में पीएम-किसान योजना के लिए आवंटन की घोषणा की गई थी।