Budget 2024 : 1 फरवरी को आने वाले यूनियन बजट (Union Budget 2024) में सरकारी बैंकों के निजीकरण का प्लान शामिल होने की कम उम्मीद है। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को अपना छठा यूनियन बजट पेश करेंगी। यह वोट-ऑन-अकाउंट होगा। मशहूर इकोनॉमिस्ट और पूर्व फाइनेंस सेक्रेटरी मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने कहा कि चूंकि यह एक अंतरिम बजट होगा, जिससे इसमें नए चीजों के ऐलान की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राइवेटाइजेशन एक विवादित मसला है। इसलिए मुझे संदेह है कि इसमें कोई बड़े ऐलान होंगे। आम तौर पर अंतरिम बजट में सरकार उन चीजों पर फोकस करती है, जो उसकी पार्टी के घोषणापत्र में होते हैं। अहलुवालिया प्लानिंग कमीशन के डिप्टी चेयरमैन भी रह चुके हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी 7 दिसंबर को कहा था कि 1 फरवरी को आने वाले यूनियन बजट वोट-ऑन-अकाउंट होगा। उन्होंन कहा था कि इसमें बड़े ऐलान नहीं होंगे।
बजट 2021 में निजीकरण कार्यक्रम का हुआ था ऐलान
RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने भी कहा है कि 1 फरवरी का बजट सिर्फ वोट-ऑन-अकाउंट होगा। इसलिए इसमें पॉलिसी से जुड़े ऐलान की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का फोकस बैंकों के निजीकरण पर रहा है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2021 पेश करने के दौरान सरकारी बैंकों के निजीकरण कार्यक्रम का एलान किया था। यह विनिवेश कार्यक्रम का हिस्सा था, जिसके जरिए सरकार ने 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य किया था। उन्होंने कहा था कि IDBI Bank के अलावा सरकार दो सरकारी बैंकों और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण 2021-22 में करने का प्रस्ताव पेश करती है।
सही समय पर बैंकों का निजीकरण प्लान पेश करेगी सरकार
फाइनेंस मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया, "हर सरकार सही समय पर फैसले करती है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि लोकसभा चुनावों से पहले कुछ होने जा रहा है।" कई एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि अभी सरकारी बैंकों की सेहत अच्छी है। वे अच्छा प्रॉफिट कमा रहे हैं। पूर्व वित्त सचित सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि अंतरिम बजट में बैंकों के निजीकरण जैसे किसी मसले के शामिल होने की उम्मीद नहीं है। कमाई बढ़ने से बैंकों की स्थिति में काफी सुधार आया है। कुछ बैंकों ने अच्छी पूंजी भी जुटाई है। उनका कैपिटल बेस मजबूत है।
सरकारी बैंकों के प्रदर्शन में सुधार
इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बैंकों के नतीजे अच्छे रहे। उनके प्रॉफिट में डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिली। एसेट क्वालिटी में भी सुधार आया। इंडिया के सबसे बड़े बैंक SBI ने 14,330 करोड़ रुपये प्रॉफिट कमाया। बैंक ऑफ बड़ौदा ने 4,253 करोड़ रुपये प्रॉफिट कमाया। पंजाब नेशनल बैंक का प्रॉफिट 327 फीसदी बढ़कर 1,756 करोड़ रुपये पहुंच गया।