Budget 2024 : सेल्फ-एंप्लॉयड इंडिविजुअल्स के लिए ओल्ड और न्यू रीजीम में स्विच करने के नियम आसान बना सकती है सरकार

Budget 2024 : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सेल्फ-एंप्लॉयड इंडिविजुअल्स को इनकम टैक्स की नई रीजीम और पुरानी रीजीम के बीच आसानी से स्विच करने की सुविधा दे सकती हैं। प्रिज्म्पटिव टैक्सेशन छोटे बिजनेसेज और कुछ सेल्फ-एंप्लॉयड इंडिविजुअल्स के लिए है। इसके तहत सेल्फ-एंप्लॉयड इंडिविजुअल्स अपने एक्चुअल नेट प्रॉफिट या अपनी प्रिज्म्पटिव इनकम के आधार पर टैक्स चुका सकता है

अपडेटेड Jan 02, 2024 पर 11:13 AM
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Budget 2024 : प्रिज्म्पटिव टैक्सेशन का फायदा यह है कि टैक्सपेयर्स को बुक्स ऑफ अकाउंट्स मेंटेन करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

Budget 2024 : प्रिज्म्पटिव टैक्सेशन (Presumptive Taxation) छोटे बिजनेसेज और कुछ प्रोफेशनल्स के लिए वरदान साबित हुआ है। इसे कुछ साल पहले शुरू किया गया था। इसकी सफलता को देखते हुए सरकार इसे (प्रिज्म्पटिव टैक्सेशन) और अट्रैक्टिव बनाने के उपाय कर सकती है। इस बारे में मनीकंट्रोल ने टेक्स एक्सपर्ट्स से बातचीत की। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूनियन बजट 2024 (Union Budget 2024) में प्रिज्म्पटिव टैक्सेशन के बारे में ऐलान होने की कम उम्मीद है। लेकिन, वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman सेल्फ-एंप्लॉयड इंडिविजुअल्स को इनकम टैक्स की नई रीजीम और पुरानी रीजीम के बीच आसानी से स्विच करने की सुविधा दे सकती हैं। इसका ऐलान 1 फरवरी, 2024 को वित्तमंत्री कर सकती हैं। वित्तमंत्री 1 फरवरी, 2024 को जो यूनियन बजट पेश करेंगी वह वोट-ऑन-अकाउंट होगा। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों के बाद जो नई सरकार बनेगी वह जुलाई में वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करेगी।

प्रिज्म्पटिव टैक्सेशन के फायदे

प्रिज्म्पटिव टैक्सेशन छोटे बिजनेसेज और कुछ सेल्फ-एंप्लॉयड इंडिविजुअल्स के लिए है। इसके तहत सेल्फ-एंप्लॉयड इंडिविजुअल्स अपने एक्चुअल नेट प्रॉफिट या अपनी प्रिज्म्पटिव इनकम के आधार पर टैक्स चुका सकता है। सेक्शन 44एडी, 44एडीए और 44एई में प्रिज्म्पटिव टैक्सेशन का उल्लेख है। इसमें कहा गया है कि स्मॉल बिजनेसेज और कुछ खास प्रोफेशनल्स जिनकी ग्रॉस रिसीट या एनुअल टर्नओवर एक सीमा तक है, उन्हें बुक्स ऑफ अकाउंट मेंटेन करने की जरूरत नहीं है।


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ये प्रोफेशनल्स उठा सकते हैं फायदा

अभी इंडिविजुअल, हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) या पार्टनरशिप फर्म (सालाना 2 करोड़ रुपये तक टर्नओवर) प्रिज्म्पटिव टैक्सेशन को सेलेक्ट कर सकते हैं। पार्टनरशिप फर्म में एलएलपी शामिल नहीं हैं। प्रोफेशनल्स में लॉ, मेडिसिन, इंजीनियरिंग, आर्किटेक्र, अकाउंटेंसी, टेक्निकल कंसल्टेंसी, इंटीरियर डेकोरेशन सहित कुछ अन्य प्रोफेशनल्स आते हैं। CBDT ने ऐसे प्रोफेशनल्स की लिस्ट नोटिफाय की है। इसमें कहा गया है कि प्रिज्म्पटिव टैक्सेशन को सिर्फ ऐसे प्रोफेनल्स सेलेक्ट कर सकते हैं, जिनका टर्नओवर या ग्रॉस रिसीट एक वित्त वर्ष में 50 लाख रुपये तक होगा।

यूनियन बजट 2023 में बढ़ाई गई थी इनकम की लिमिट

प्रिज्म्पटिव टैक्सेशन का फायदा यह है कि टैक्सपेयर्स को बुक्स ऑफ अकाउंट्स मेंटेन करने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके तहत बिजनेसेज को अपने टर्नओवर का 8 फीसदी बतौर टैक्सेबल इनकम दिखाना होता है। प्रोफेशनल को अपनी सालाना इनकम का 50 फीसदी टैक्सेबल इनकम के रूप में दिखाना जरूरी है। यूनियन बजट 2023 में सरकार ने ऐसे बिजनेसेज और प्रोफेशनल्स की टर्नओवर लिमिट बढ़ा दी थी, जिनकी ज्यादातर कैश रिसीट कैश में नहीं है।

पहले से टैक्स के रेट कम 

Nangia Anderson India में पार्टनर नीरज अग्रवाल ने बताया कि नेट प्रॉफिट या प्रिज्मपटिव इनकम में से किसी एक को सेलेक्ट करने की सुविधा से न सिर्फ सेल्फ-एंप्लॉयड इंडिविजुअल्स को काफी आसानी हो जाती है बल्कि इससे टैक्स-कंप्लायंस प्रोसेस में भी आसानी होती है। अभी सेल्फ-एंप्लॉयड इंडिविजुअल्स को जो विकल्प उपलब्ध हैं, उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि यूनियन बजट 2024 में किसी बदलाव का ऐलान नहीं होगा। टैक्सबीरबल के डायरेक्टर चेतन चंडोक ने कहा कि प्रिज्म्पटिव टैक्सेशन में पहले से सेल्फ-एंप्लॉयड इंडिविजुअल्स के लिए टैक्स रेट कम है। इसलिए इसके तहत और रियायत की उम्मीद नहीं की जा सकती।

 

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First Published: Jan 02, 2024 11:01 AM

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