Budget 2024 : केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के अगले कुछ महीनों में 10 साल पूरे हो गए हैं। इंडिया की इकोनॉमी के लिहाज से यह समय काफी ज्यादा है। इस दौरान इकोनॉमी ने कई बदलाव देखी है। इस दौरान कई ऐतिहासिक बजट पेश किए गए, जिन्होंने इकोनॉमी की दिशा बदल दी। 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद पहला बजट अरुण जेटली ने पेश किया था। यह वित्त वर्ष 2014-15 का पूर्ण बजट था। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट 1 फरवरी, 2024 को आएगा। इसे वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman पेश करेंगी। यह उनका छठा बजट होगा। इनकम टैक्स के नियमों में भी पिछले 9.5 साल में कई बदलाव आए हैं। आइए इनमें से कुछ बड़े बदलावों के बारे में जानते हैं।
सेक्शन 80सी की लिमिट बढ़ाई गई
पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यूनियन बजट 2014 पेश किया था। उन्होंने इनकम टैक्स की एग्जेम्प्शन लिमिट 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी। सीनियर सिटीजंस के लिए यह लिमिट 3 लाख रुपये कर दी गई। सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन को 1 लाख रुपये बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया। होम लोन के इंटरेस्ट पर डिडक्शन को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया। इन बदलावों से टैक्सपेयर्स को काफी राहत मिली।
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर डिडक्शन बढ़ाया गया
2015 का यूनियन बजट कई मायनों में अहम था। इसे पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश किया था। इस बजट को मिडिल क्लास के लिए काफी अच्छा माना गया था। इसकी वजह यह थी कि हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर डिडक्शन सालाना 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया। सीनियर सिटीजंस के मामले में इसे 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया। ट्रांसपोर्ट अलाउन्स को 800 से बढ़ाकर 1600 रुपये प्रति माह कर दिया गया। सेक्शन 80CCD के तहत NPS में निवेश पर अतिरिक्त 50,000 रुपये डिडक्शन का लाभ दिया गया। सरकार ने वेल्थ टैक्स को खत्म करने का फैसला लिया।
एक करोड़ से ज्यादा इनकम पर 12 फीसदी सरचार्ज
यूनियन बजट 2016 में सालाना 5 लाख रुपये तक की इनकम वाले टैक्सपेयर्स के लिए सेक्शन 87ए के तहत रिबेट 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया गया। एक करोड़ से ज्यादा इनकम पर सरचार्ज 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया। सालाना 10,000,00 रुपये के डिविडेंड पर 10 फीसदी टैक्स लगाने का ऐलान किया गया। 2017 के यूनियन बजट में 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स 5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया गया। सालाना 10 लाख से 1 करोड़ रुपये की इनकम पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया।
स्टैंडर्ड डिडक्शन नौकरी करने वाले लोगों को मिला
यूनियन बजट 2018 में इनकम टैक्स के लिहाज से सबसे बड़ा ऐलान स्टैंडर्ड डिडक्शन को लेकर था। सरकार ने नौकरी करने वाले लोगों को सालाना 40,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन देने का ऐलान किया। हालांकि, सरकार ने ट्रांसपोर्ट अलाउन्स और मेडिकल एक्सपेंसेज के रीइंबर्समेंट को वापस ले लिया। यूनियन बजट 2019 एक अंतरिम बजट था। इसकी वजह यह है कि उस साल लोकसभा चुनाव होने वाले थे। तब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था। उन्होंने सालाना 5 लाख रुपये इनकम वाले लोगों का टैक्स जीरो कर दिया। स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया।
इनकम टैक्स की नई रीजीम का ऐलान
यूनियन बजट 2020 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स की नई रीजीम का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह ऑप्शनल होगा। इसका मतलब यह था कि पुरानी टैक्स रीजीम भी जारी रहेगी। नई टैक्स रीजीम का इस्तेमाल करने वाले लोगों को डिडक्शन और एग्जेम्प्शन का फायदा नहीं देने का ऐलान किया गया। टैक्स रेट में भी बदलाव किए गए। म्यूचुअल फंड्स और कंपनियों से मिले डिविडेंट पर टैक्स चुकाने की जिम्मेदारी इनवेस्टर्स पर डाल दी गई।
प्री-फिल्ड इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म की शुरुआत
यूनियन बजट 2021 में प्री-फिल्ड इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म की शुरुआत की गई। यूनियन बजट 2022 में इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव नहीं किया। सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न में गलती ठीक करने का एक मौका टैक्सपेयर्स को देने का ऐलान किया। वर्चुअल/डिजिटल एसेट्स से हुई कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का ऐलान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने किया। यूनियन बजट 2023 इनकम टैक्स के लिहाज से काफी अहम था। इसमें इनकम टैक्स के स्लैब की संख्या कम कर दी गई। नई टैक्स रीजीम में एग्जेम्पशन लिमिट 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई। नई टैक्स रीजीम में भी स्टैंडर्ड डिडक्शन की शुरुआत कर दी गई।