Budget 2024 : टैक्स कलेक्शंस में अच्छी ग्रोथ के बावजूद सरकार के रेवेन्यू और खर्च के बीच फर्क बढ़ सकता है। इसकी वजह रोजगार गारंटी योजना और सब्सिडी पर सरकार का ज्यादा खर्च है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने यह अनुमान जताया है। यह इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी Fitch की इकाई है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार का फिस्कल डेफिसिट 6 फीसदी रह सकता है। यह FY24 के यूनियन बजट में तय 5.9 फीसदी के फिस्कल डेफिसिट के लक्ष्य से ज्यादा है। उसने कहा है कि सरकार का टैक्स और नॉन-टैक्स रेवेन्यू ज्यादा रहने के बावजूद फिस्कल स्लिपेज देखने को मिलेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली सप्लमेंटरी डिमांड में केंद्र सरकार फूड, फर्टिलाइजर और एलपीजी सब्सिडी जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ज्यादा खर्च करेगी। न्यूट्रिएंट-बेस्ड फर्टिलाइजर्स के लिए यूनियन बजट 2023 में 44,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी तय की गई थी। सरकार ने इसे बढ़ाकर 57,360 करोड़ रुपये कर दी है।