Budget 2024 : अशिमा गोयल ने फिस्कल डेफिसिट में जल्द कमी पर जोर दिया, कहा-इससे अच्छा संकेत जाएगा

Budget 2024: अनुमान है कि सरकार इस वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट 5.9 फीसदी के तय लक्ष्य के अंदर बनाए रखने में कामयाब होगी। अगर सरकार वित्त वर्ष 2025-26 तक फिस्कल डेफिसिट को 4.5 फीसदी तक लाना चाहती है तो उसे 1 फरवरी, 2024 को पेश बजट में फिस्कल डेफिसिट के लक्ष्य में बड़ी कमी करनी होगी। गोयल ने कहा कि अगर सरकार के कर्ज में धीरे-धीरे कमी आती है तो इससे इंडिया की रेटिंग्स इम्प्रूव होगी

अपडेटेड Dec 26, 2023 पर 2:38 PM
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Budget 2024 : गोयल का मानना है कि सरकार को टैक्स कलेक्शन की शानदार ग्रोथ को देखते हुए बहुत ज्यादा खर्च नहीं करना चाहिए। 2000 के दशक में हाई ग्रोथ पीरियड में ऐसा देखने को मिला था, जिसके चलते 2010 के दशक में दिक्कत का सामना करना पड़ा था।

Budget 2024 : RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की सदस्य अशिमा गोयल ने कहा है कि अगर फिस्कल डेफिसिट में तय लक्ष्य से ज्यादा तेज गिरावट आती है तो इसे बहुत अच्छा संकेत माना जाएगा। दिसंबर की शुरुआत में पेश मॉनेटरी पॉलिसी के मिनट्स जारी होने के बाद उन्होंने 22 दिसंबर को कहा था कि फिस्कल पॉलिसी काउंटर-साइक्लिकल होनी चाहिए। यह ऐसा होना चाहिए कि खराब वक्त में सरकार के पास ज्यादा खर्च की गुंजाइश बनी रहे। अगर फिस्कल डेफिसिट में तय लक्ष्य के मुकाबले तेज गिरावट आती है तो यह बहुत अच्छा संकेत होगा। यूनियन बजट 2024 पेश होने से पहले आए गोयल के इस बयान को बहुत अहम माना जा रहा है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2024 को यूनियन बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। 2024 में लोकसभा चुनावों के बाद जो नई सरकार बनेगी वह पूर्ण बजट पेश करेगी।

कर्ज में कमी लाने के फायदे

अनुमान है कि सरकार इस वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट 5.9 फीसदी के तय लक्ष्य के अंदर बनाए रखने में कामयाब होगी। अगर सरकार वित्त वर्ष 2025-26 तक फिस्कल डेफिसिट को 4.5 फीसदी तक लाना चाहती है तो उसे 1 फरवरी, 2024 को पेश बजट में फिस्कल डेफिसिट के लक्ष्य में बड़ी कमी करनी होगी। गोयल ने कहा कि अगर सरकार के कर्ज में धीरे-धीरे कमी आती है तो इससे इंडिया की रेटिंग्स इम्प्रूव होगी। साथ ही विदेश से कर्ज लेने की लागत में भी कमी आएगी। इससे यह भी पता चल जाएगा कि IMF का यह अनुमान सच्चाई से कितना दूर है कि इंडिया का कर्ज मीडियम टर्म में जीडीपी के 100 फीसदी तक पहुंच जाएगा। यह अभी जीडीपी का 81 फीसदी है।


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इन देशों पर कर्ज का बोझ कम

IMF के डेटा के मुताबिक, इंडिया में केंद्र और राज्यों का कर्ज 2022 में जीडीपी का 81 फीसदी था। यह कई एशियाई देशों के मुकाबले काफी ज्यादा है। वियतनाम के मामले में यह 39 फीसदी है। इंडोनेशिया के मामले में यह 40 फीसदी है। फिलिपींस के मामले में यह 58 फीसदी है। थाईलैंड का कर्ज जीडीपी का 61 फीसदी है, जबकि मलेशिया का कर्ज जीडीपी का 66 फीसदी है।

एजुकेशन की क्वालिटी पर फोकस करने की जरूरत

गोयल का मानना है कि सरकार को टैक्स कलेक्शन की शानदार ग्रोथ को देखते हुए बहुत ज्यादा खर्च नहीं करना चाहिए। 2000 के दशक में हाई ग्रोथ पीरियड में ऐसा देखने को मिला था, जिसके चलते 2010 के दशक में दिक्कत का सामना करना पड़ा था। हालांकि, उन्होंने कहा कि अंतरिम बजट में सरकार को अपना फोकस फिजिकल और ह्यूमन कैपिटल बनाने पर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंडिया में नए कॉलेज और यूनिवर्सिटीज काफी खुल रहे हैं। लेकिन, हमें एजुकेशन की क्वालिटी पर फोकस करने की जरूरत है।

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First Published: Dec 26, 2023 2:29 PM

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