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Budget 2024 : जीएसटी ने 6 साल में पार किए कई पड़ाव, अब पेट्रोल-डीजल को दायरे में लाने का चैलेंज

Budget 2024 : शुरुआत के छह साल बाद जीएसटी की व्यवस्था अगले चरण के सफर पर निकलने के लिए तैयार है। इसमें कुछ टैक्स स्लैब के विलय के साथ पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का चैलेंज है। इलेक्ट्रिसिटी को भी इस टैक्स-सिस्टम के तहत लाया जाना है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 29, 2023 पर 12:56 PM
Budget 2024 : जीएसटी ने 6 साल में पार किए कई पड़ाव, अब पेट्रोल-डीजल को दायरे में लाने का चैलेंज
Budget 2024 : शुरुआत में जीएसटी में रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स की संख्या 65 लाख थी। आज यह 1.4 करोड़ पहुंच गई है।

Budget 2024 : GST की व्यवस्था 1 जुलाई, 2027 को लागू हुई थी। कई उतार-चढ़ाव के बाद इसने अपनी जड़ मजबूत कर ली है। ई-इनवायसिंग की शुरुआत, ई-वे बिल्स और कंप्लायंस के लिए टैक्स स्क्रूटनी इस सफर के बड़े पड़ाव रहे। अब जीएसटी की व्यवस्था अगले चरण के सफर पर निकलने के लिए तैयार है। इसमें कुछ टैक्स स्लैब के विलय के साथ पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का चैलेंज है। इलेक्ट्रिसिटी को भी इस टैक्स-सिस्टम के तहत लाया जाना है। शुरुआत में जीएसटी में रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स की संख्या 65 लाख थी। आज यह 1.4 करोड़ पहुंच गई है। जुलाई 2017 में जीएसटी कलेक्शन 0.9 लाख करोड़ रुपये था। नवंबर 2023 तक हर महीने का एवरेज कलेक्शन 1.66 लाख करोड़ है।

1. E-way Bill

बढ़ते कंप्लायंस की वजह से ई-वे बिल की संख्या में उछाल आया है। एक महीने में यह 10 करोड़ के पार निकल गया है। गुड्स के एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए ई-बिल जरूरी होता है। इसकी शुरुआत 1 अप्रैल, 2018 को हुई थी। 50,000 रुपये से ज्यादा मूल्य के गुड्स के एंटर-स्टेट मूवमेंट के लिए ई-बिल जरूरी है।

2. जीएसटी फाइलिंग पोर्टल की क्षमता

जीएसटी पोर्टल की टैक्स-फाइलिंग कैपेसिटी अब दोगुनी हो गई है। अब एक घंट में तीन लाख रिटर्न फाइल किए जा सकते हैं। इससे ट्रेडर्स को रिटर्न फाइलिंग में सुविधा हुई है।

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