Budget 2024 : यूनियन बजट 2024 में डिसइनवेस्टमेंट पर फोकस घटा सकती है सरकार

Budget 2024 : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2023 को पेश बजट में डिसइनवेस्टमेंट के लिए 51,000 करोड़ रुपये का टारगेट तय किया था। यह वित्त वर्ष 2022-23 के डिसइनवेस्टमेंट टारगेट से करीब 21 फीसदी कम था। सरकार का डिसइनवेस्टमेंट टारगेट पिछले 7 साल में सबसे कम था। टारगेट कम होने के बावजूद डिसइनवेस्टमेंट के मोर्चे पर सरकार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है

अपडेटेड Dec 30, 2023 पर 2:23 PM
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Budget 2024 : सरकार BPCL, Shipping Corporation of India (SCI) और CONCOR के निजीकरण के प्लान को पहले ही ठंडे बस्ते में डाल चुकी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 2024 में अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद ही सरकार प्राइवेटाइजेशन पर फोकस बढ़ाएगी।

Budget 2024 : केंद्र में 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से ही डिसइनवेस्टमेंट पर फोकस बढ़ा है। सरकार हर यूनियन बजट में डिसइनवेस्टमेंट का टारगेट तय करती है। हालांकि, इस वित्त वर्ष में डिसइनवेस्टमेंट टारगेट से काफी कम रहने की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार अगले वित्त वर्ष यानी 2024-25 में डिसइनवेसमेंट पर फोकस घटा सकती है। डिसइनवेस्टमेंट टारगेट का ऐलान 1 फरवरी, 2024 को होगा। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी, 2024 को यूनियन बजट (Union Budget 2024) पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट लोकसभा चुनावों के जो नई सरकार बनेगी वह पेश करेगी। इसके जुलाई में आने की उम्मीद है।

डिसइनवेस्टमेंट का टारगेट पूरा होने की उम्मीद नहीं

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2023 को पेश बजट में डिसइनवेस्टमेंट के लिए 51,000 करोड़ रुपये का टारगेट तय किया था। यह वित्त वर्ष 2022-23 के डिसइनवेस्टमेंट टारगेट से करीब 21 फीसदी कम था। सरकार का डिसइनवेस्टमेंट टारगेट पिछले 7 साल में सबसे कम था। टारगेट कम होने के बावजूद डिसइनवेस्टमेंट के मोर्चे पर सरकार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। सरकार अब तक डिसइनवेस्टमेंट के जरिए सिर्फ 31,106 करोड़ रुपये जुटा सकी है।


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यूनियन बजट 2024 में डिसइनवेस्टमेंट पर फोकस नहीं

एक्सपर्ट्स का कहना है कि 1 फरवरी, 2024 को पेश बजट में भी डिसइनवेस्टमेंट पर सरकार का ज्यादा फोकस नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि सरकार 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले सावधानी बरतना चाहती है। विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर सरकारी कंपनियों को बेजने का आरोप लगाती रही है। सरकार के डिसइनवेस्टमेंट पर फोकस बढ़ाने से विपक्ष को मोदी सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल सकता है। सरकार विपक्ष को उंगली उठाने का कोई मौका नहीं देना चाहती है।

लोकसभा चुनावों के बाद फोकस बढ़ सकता है

सरकार BPCL, Shipping Corporation of India (SCI) और CONCOR के निजीकरण के प्लान को पहले ही ठंडे बस्ते में डाल चुकी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 2024 में अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद ही सरकार प्राइवेटाइजेशन पर फोकस बढ़ाएगी। इस साल मार्च से पहले सरकार NMDC Steel, BEML, HLL Lifecare और IDBI Bank में स्ट्रेटेजिक सेल के प्लान को पूरा करना चाहेगी। जहां तक IDBI Bank की बात है तो इसमें हिस्सेदारी बेचने का प्लान मार्च तक पूरा होने की उम्मीद नहीं है।

MoneyControl News

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First Published: Dec 30, 2023 2:18 PM

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