Budget 2024 : वित्त वर्ष 2023-24 में डिसइनवेस्टमेंट के संशोधित अनुमान पर चर्चा के लिए इस हफ्ते वित्तमंत्रालय की बैठक हो सकती है। इस वित्त वर्ष में सरकार ने किसी सरकारी कंपनी (CPSEs) में रणनीतिक हिस्सेदारी की बिक्री नहीं की है। सिर्फ ऑफर फॉर सेल (OFS) और IPO इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए विनिवेश किया गया है। इससे सरकार को अब तक 10,051.73 करोड़ रुपये मिले हैं। सरकार के एक सीनियर अफसर ने कहा कि सीपीएसई की तरफ से अच्छा डिविडेंड मिला है, जिससे विनिवेश से जुटाई गई कम रकम की भरपाई कुछ सीमा तक हो जाएगी।
इस वित्त वर्ष 51,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य
1 फरवरी, 2023 को पेश बजट में वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman ने कहा था कि सरकार वित्त वर्ष 2023-24 में डिसइनवेस्टमेंट के जरिए 51,000 करोड़ रुपये जुटाएगी। अधिकारी ने बताया कि सरकार को डिसइनवेस्टमेंट के टारगेट को संशोधित करना होगा। फाइनेंस मिनिस्ट्री को डिसइनवेस्टमेंट के रिवाइज्ड एस्टिमेट को व्यावहारिक स्तर पर लाना होगा।
डिविडेंड से मिले 43,843 करोड़ रुपये
बजट कमेटी वित्त वर्ष 2024-25 के लिए डिसइनवेस्टमेंट के अनुमानित टारगेट को भी तय करेगी। ऐसा आम तौर पर बजट डॉक्युमेंट की प्रिटिंग से 2-3 दिन पहले किया जाता है। सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिव बजट कमेटी के सदस्य होते हैं। फाइनेंस मिनिस्ट्री को नॉन-फाइनेंशियल CPSEs से डिविडेंड मिलने की उम्मीद है। इससे इस वित्त वर्ष में डिसइनवेस्टमेंट से आए कम पैसे की कुछ हद तक भरपाई हो जाएगी। CPSEs से डिविडेंड के रूप में 43,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान यूनियन बजट 2023 में तय गया था। यह पैसा सरकार को मिल चुका है, जबकि अभी वित्त वर्ष पूरे होने में एक तिमाही बाकी है। अब तक सरकार को सीपीएसई से 43,843 करोड़ रुपये डिविडेंड के रूप में मिले हैं।
CPSE में रणनीतिक बिक्री का समय नहीं बचा
अफसर ने कहा, "डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) को सीपीएसई से अच्छा डिविडेंड मिला है। सरकार को विनिवेश और नॉन-फाइनेंशियल CPSEs से डिविडेंड के रूप में अब तक 53,895 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। डिसइनवेस्टमेंट से कम पैसे मिलने की भरपाई डिविडेंड से हो रही है।" जहां तक डिसइनवेस्टमेंट से मिले पैसे की बात है तो यह बहुत कम है। उन्होंने कहा कि अब सरकारी कंपनियों में रणनीतिक बिक्री के लिए समय नहीं बचा है।
इन कंपनियों की रणनीतिक बिक्री अटकी है
उन्होंने कहा कि यह लोकसभा चुनावों वाला साल है। BEML और शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में रणनीतिक बिक्री का मामला राज्यों से जुड़े मसलों की वजह से अटका है। इस वित्त वर्श में CONCOR में भी रणनीतिक बिक्री पूरी नहीं हो पाई है। 2022 में सरकार ने Air India और Neelanchal Ispat Nigam में रणनीतिक बिक्री की थी। अभी करीब 14 कंपनियों में रणनीतिक बिक्री की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन, इनमें से कोई जल्द पूरे होने वाली नहीं है।