Budget 2024 : वित्त वर्ष के आखिर में सरकार को अक्सर कुछ खर्चों के लिए अतिरिक्त फंड की जरूरत पड़ती है। इन खर्चों को पूरा करने के लिए सरकार अतिरिक्त फंड की मंजूरी लोकसभा में वोट-ऑन अकाउंट के जरिए हासिल करती है। इससे सरकार को कंसॉलिडेशन फंड ऑफ इंडिया के फंड का इस्तेमाल करने की इजाजत मिल जाती है। आम तौर पर सरकार दो महीने के खर्च के लिए यह मंजूरी हासिल करती है। लोकसभा चुनाव वाले साल में सरकार चार महीने के खर्च के लिए लोकसभा की मंजूरी हासिल करती है। वोट ऑन अकाउंट से जुड़े अंतरिम बजट में सरकार टैक्स से जुड़े नियमों में बदलाव नहीं करती है। अंतरिम बजट में सभी तरह के खर्च और रेवेन्यू शामिल होते हैं। लेकिन, वोट-ऑन-अकाउंट में सिर्फ खर्च के प्रावधान होते हैं। यूनियन बजट 2023 (Union budget) में 'इंडिया एंड डिजिटल' पर सरकार का फोकस था। इसके तहत कई ऐलान किए गए थे।
अक्टूबर 2023 में 100 5जी लैब्स का उदघाटन
इंडिया एंड डिजिटल के तहत नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी, डिजीलॉकर फॉर एंटरप्राइजेज और चैरिटेबल ट्र्स्ट्स के भी ऐलान किए गए थे। डेडिकेटेड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर्स बनाने का ऐलान किया गया था। 5जी सर्विसेज के लिए 100 लैब्स बनाने का भी ऐलान किया गया था। अक्टूबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में 100 5जी लैब्स के उद्घाटन किए थे। नेशनल डेटा पॉलिसी बनाने का काम जारी है। यह एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स और स्टार्टअप्स को डेटा उपलब्ध कराएगा।
यूनियन बजट 2020 में सरकार ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की भी इच्छा दिखाई थी। यह एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए डेडिकेटेड था। इसके तहत मकसद ओपन-सोर्स डिजिटल पब्लिक गुड हासिल करना था। इससे कृषि क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही एग्री से जुड़े स्टार्टअप्स को भी सपोर्ट मिलेगा। इस दिशा में कुछ काम हुआ है। लेकिन DPI अभी तैयार नहीं है। पिछले बजट में बच्चों और किशोरों के लिए एक नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी बनाने का भी प्रस्ताव था। इससे बच्चों को हाई क्वालिटी बुक्स का फायदा उठाने का मौका मिलेगा। राज्यों को लोकल लेवल पर फिजिकल लाइब्रेरीज बनाने को प्रोत्साहित किया गया है। लेकिन, यह प्रोजेक्ट भी अभी पूरा नहीं हुआ है।
इंफॉर्मेशन के लिए सेट्रल रिपॉजिटरी पर चल रहा काम
यूनियन बजट 2023 में 'Bharat Shared Repository of Inscription' बनाने का भी प्रस्ताव था। इसका मकसद डिजिटल इपिग्राफी म्यूजियम बनाना था। इसे एक लाख प्राचीन इनक्रिप्शंस के साथ डिजिटाइज किया जाना था। इस प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है। नेशनल फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन रजिस्ट्री (NFIR) बनाने का भी ऐलान किया था। बताया गया था कि यह फाइनेंशियल और एंसिलरी इंफॉर्मेशन के लिए सेट्रल रिपॉजिटरी होगी। लेकिन, यह भी अभी बनकर तैयार नहीं हुआ है।